75 की उम्र में रिटायर हो जाना चाहिए : भागवत

विपक्ष ने लपका मुद्दा, कहा : पीएम और संघ प्रमुख भी इस सितंबर में 75 के हो जायेंगे
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आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत
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नागपुर/नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायर हो जाना चाहिए। संघ प्रमुख की इस सलाह के बाद सियासी भूचाल आ गया है। विपक्ष ने इस बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए तुरंत लपक लिया और उनसे रिटायर होने की मांग कर डाली। प्रधानमंत्री आगामी 17 सितंबर को वे 75 साल के हो जायेंगे।

‘शॉल ओढ़ाई तो समझिए दूसरों का मौका देने का समय आ गया’

भागवत ने गत बुधवार को रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में उक्त सलाह देते हुए कहा कि जब आपको 75 साल पूरे होने पर शॉल ओढ़ाई जाती है तो समझिए कि दूसरों का मौका देने का समय आ गया है। आपको किनारे हो जाना चाहिए। मोदी और भागवत दोनों इस साल सितंबर में 75 साल के हो जायेंगे।

भाजपा में उम्र को लेकर कोई आधिकारिक नियम नहीं

हालांकि भाजपा के भीतर एक निश्चित उम्र तक पद पर बने रहने को लेकर कोई आधिकारिक नियम नहीं है लेकिन कुछ स्तरों पर उम्र सीमाएं लागू की गयी हैं। उदाहरण के लिए छत्तीसगढ़ भाजपा ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35 से 45 साल और जिला अध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 साल की उम्र सीमा निर्धारित की है। वहीं भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 75 साल से अधिक उम्र के कई वरिष्ठ नेताओं को टिकट नहीं दिया था। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, कलराज मिश्र, जैसे कई नेता शामिल थे।

2014 के बाद भाजपा में रिटायर करने का ट्रेंड शुरू हुआ

भाजपा में 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को रिटायर करने का ट्रेंड शुरू हुआ। पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में इससे कम उम्र के नेताओं को ही जगह दी थी। लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया। वर्ष 2016 में जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तो उस समय उनकी उम्र भी 75 साल थी। उसी साल नजमा हेपतुल्लाह ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया, जिनकी उम्र 76 साल थी।

मोदी पर 75 साल की सीमा लागू नहीं : शाह

लोकसभा चुनाव के दौरान भी मोदी के रिटायरमेंट को लेकर खूब बयानबाजी हुई थी। तब गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि भाजपा के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मोदी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे। मोदी जी आने वाले चुनावों में भी नेतृत्व करेंगे। इसी तरह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा था कि भाजपा के संविधान में कहीं भी आयु को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मोदी हमारे नेता हैं। भविष्य में भी हमारा नेतृत्व करते रहेंगे।

विपक्ष ने लपका मुद्दा

दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों ने भागवत के इस बयान के बाद इसे प्रधानमंत्री से जोड़ दिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए यह किस तरह की घर वापसी है कि विदेश से लौटने पर सरसंघचालक ने उन्हें याद दिलाया कि वे इस साल 75 साल के हो जायेंगे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री भी सरसंघचालक से कह सकते हैं कि वे भी 11 सितंबर, 2025 को 75 साल के हो जायेंगे! एक तीर, दो निशाने!' दरअसल मोदी 10 जुलाई को 5 देशों की विदेश यात्रा से लौटे हैं। रमेश ने इसे ही उनकी घर वापसी बताया। शिवसेना (उद्धव) की ही सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कहा कि यह एक स्पष्ट संदेश है और यह उस व्यक्ति के लिए है जो सितंबर में अपना 75वां जन्मदिन मनायेंगे।

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