नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का नाम लिये बिना दावा किया कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रोकने के लिए नहीं कहा। प्रधानमंत्री ने साथ ही यह भीकहा कि राष्ट्र संघ (यूएन) के 193 देशों में सिर्फ 3 देशों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया।
वेंस घंटे भर बात करने की कोशिश कर रहे थे..
प्रधानमंत्री ने सदन ‘ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा’ में हस्तक्षेप करते हुए यह भी कहा कि 9 मई की रात अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उनसे बात करने का प्रयास किया, वे घंटे भर कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरी सेना के साथ मीटिंग चल रही थी। मैंने बाद में वेंस को फोन किया, तब उन्होंने मुझे बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है। मेरा जो जवाब था कि जिनको समझ नहीं आता उनकाे नहीं आयेगा। अगर पाकिस्तान का ये इरादा है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा। गौरतलब है कि मोदी से पहले नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 29 बार कहा है कि हमने युद्ध रुकवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। कहें कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हमारा एक भी फाइटर जेट नहीं गिरा।
‘पाकिस्तान को घुटनों पर आने को मजबूर किया’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सेना ने पाकिस्तान की सेना को चंद मिनट में बता दिया कि हमारा ये लक्ष्य था हमने पूरा कर दिया ताकि उनको यह पता चले कि हमारे दिल दिमाग में क्या चलता है। हमने अपना लक्ष्य सौ प्रतिशत हासिल किया है। अगर पाकिस्तान में समझदारी होती तो आतंकियों के समर्थन में खुलेआम न खड़ा होता है। हमारी मिसाइलों ने 9 मई की रात पाकिस्तान के हर कोने में प्रचंड प्रहार किया, जिसकी उसके कभी कल्पना नहीं की थी। थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिये। उसने पाकिस्तान को घुटनों पर आने को मजबूर कर दिया। वहां के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) न गुहार लगायी बस करो बहुत हो गया, अब और ज्यादा मार झेलने की ताकत नहीं है। भारत ने पहले ही कह दिया था कि हमने हमारा लक्ष्य पूरा कर दिया और ज्यादा करोगे तो नतीजे भुगतने तैयार रहना।
‘आतंकियों की नाभि पर हमला किया’
मोदी ने कहा कि बालाकोट के समय भी यही हुआ। हमने कर दिखाया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय हमारा लक्ष्य तय था। हमारा लक्ष्य था कि आतंक के जो केंद्र हैं, जहां से योजना बनी ट्रेनिंग मिली, उस पर हमला करेंगे। हमने उनकी नाभि पर हमला कर दिया। जहां पहलगाम के आतंकियों की भर्ती हुई, ट्रेनिंग मिलती थी, उस जगह को चिह्नित कर आतंकियों की नाभि पर प्रहार किया। इस बार भी हमारी सेना ने 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करके देश के सामर्थ्य का परिचय दिया। देश को याद है, 6 मई को ऑपरेशन सिंदूर हुआ, 7 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और हमने स्पष्ट कर दिया कि आतंकियों अड्डे, आकाओं को हम नष्ट करना चाहते हैं। हमने स्पष्ट कर दिया कि हमने जो तय किया वह कर दिया और 10 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हो रही कार्रवाई को रोकने की घोषणा की।
‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ अब नहीं चलेगी
मोदी ने कहा कि भारत ने सिद्ध कर दिया है कि ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ अब नहीं चलेगी, और न ही इसके सामने झुकेगा। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जिस प्रकार की क्रूर घटना हुई, जिस तरह आतंकियों ने निर्दोष लोगों से धर्म पूछकर गोलियां चलायीं, यह क्रूरता की पराकाष्ठा थी। यह भारत को हिंसा की आग में झोंकने की एक सोची समझी कोशिश थी, भारत में दंगे फैलाने की साजिश थी। देश ने एकता के साथ उस साजिश को नाकाम कर दिया।
पूरी दुनिया का समर्थन मिला सिवाय कांग्रेस के
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया और कहा कि इस अभियान के दौरान पूरी दुनिया का समर्थन मिला लेकिन जवानों के पराक्रम को मुख्य विपक्षी दल का समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को मैं विदेश में था। वहां से लौटने के तुरंत बाद मैंने एक बैठक बुलायी। उस बैठक में मैंने स्पष्ट निर्देश दिए कि आतंकवाद को करारा जवाब देना होगा, और यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी गयी। सेना ने आतंकियों को वो सजा दी कि आज भी आतंक के उन आकाओं की नींद उड़ी हुई है।