नयी दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के भारत के साथ आतंकवाद सहित हर मुद्दे पर बातचीत की खुली पेशकश पर अपना रुख और साफ करते हुए कहा है कि वार्ता भारत द्वारा सौंपी गयी सूची के आधार पर आतंकियों को हमारे हवाले करने तथा जम्मू-कश्मीर से उसके अवैध कब्जे वाला हिस्सा खाली करने के बारे में ही की जायेगी। भारत ने सिंधु समझौते पर भी अपना पक्ष दोहराया है कि कि यह तब तक स्थगित रहेगी, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को मदद करना बंद नहीं कर देता है।
आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को नियमित ब्रीफिंग में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा उनके विदेश दौरे के दौरान भारत के साथ बातचीत की बार बार की जा रही पेशकश के बारे में भारत की प्रतिक्रया पूछे जाने पर कहा कि जहां तक पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों का सवाल है, हमारा रुख स्पष्ट है। हमारे बीच कोई भी संबंध या संपर्क द्विपक्षीय होना चाहिए। हम दोहराना चाहेंगे कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। उन्हें भारत को उन आतंकियों को सौंपना होगा, जिनके रिकॉर्ड और सूची हमने कुछ साल पहले उन्हें सौंपी थी। जम्मू-कश्मीर पर बातचीत इस पर होगी कि जम्मू-कश्मीर के उसके अवैध कब्जे वाले इलाका (पीओके) पाकिस्तान खाली करके हमें कब सौंपेगा।
आतंकियों को समर्थन मिलने तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी
जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन विश्वसनीय ढंग से और पूरी तरह से बंद नहीं कर देता। पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों द्वारा जगह-जगह जलसे करने और उनमें पाकिस्तान सरकार के नेताओं एवं सेना के अफसरों की मौजूदगी के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि आतंकियों का महिमामंडन करना, उन्हें माला पहना कर स्वागत सत्कार करना और उन्हें बड़े मंच प्रदान करना हमारे लिए कतई आश्चर्य की बात नहीं है। इससे यह फिर से पुष्टि होती है कि पाकिस्तान में आतंकियों को सरकार एवं सेना का समर्थन प्राप्त है।