चेन्नै/रामेश्वरम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केंद्र सरकार के बीच नयी शिक्षा नीति और त्रिभाषा फार्मूले और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर चल रहे विवाद के बीच रविवार को भाषा विवाद का जिक्र किये बिना मुख्यमंत्री सहित तमिलनाडु के द्रमुक नेताओं को नसीहत दी कि वे तमिल का गौरव बने और स्थानीय भाषा में हस्ताक्षर करें। प्रधानमंत्री ने रविवार को रामेश्वरम द्वीप और भूमि क्षेत्र के बीच रेल संपर्क की सुविधा प्रदान करने वाले पंबन समुद्री पुल का उद्घाटन किया और यहां नयी रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नयी) ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने एक तटरक्षक पोत को भी हरी झंडी दिखाई जो पुल के नीचे से गुजरा। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया और परिसीमन के मुद्दे पर विरोध जताया।
द्रमुक नेता तमिल में हस्ताक्षर तक नहीं करते
प्रधानमंत्री 3 दिन के श्रीलंका दौरे से सीधे रामेश्वरम पहुंचे। उन्होंने रामनवमी के अवसर पर 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं की आधारशिला रखने और राष्ट्र को समर्पित करने के बाद अपने संबोधन में भाषाई विवाद पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार के तमिल भाषा और विरासत को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने के प्रयास जारी हैं। प्रधानमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि उन्हें तमिलनाडु के नेताओं से पत्र मिलते हैं और वे तमिल में हस्ताक्षर नहीं करते। कम से कम अपना हस्ताक्षर तो तमिल में करें। उन्होंने राज्य में तमिल माध्यम में चिकित्सा की पढ़ाई की ‘वकालत’ भी की ताकि गरीब परिवारों के छात्रों को लाभ मिल सके। त्रिभाषा नीति के तहत तमिल, अंग्रेजी के अलावा हिंदी को भी शिक्षा के माध्यम में शामिल करने का प्रस्ताव है। द्रमुक सुप्रीमो स्टालिन इसका विरोध कर रहे हैं।
देश का पहला ‘वर्टिकल लिफ्ट’ रेलवे समुद्री पुल
प्रधानमंत्री ने नये पंबन पुल का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह देश का पहला ‘वर्टिकल लिफ्ट’ रेलवे समुद्री पुल है। प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज (नये पम्बन ब्रिज) का उद्घाटन किया।गौरतलब है कि 2.08 किमी लंबे सेतु की नींव नवंबर 2019 में मोदी ने ही रखी थी। ब्रिज रामेश्वरम (पम्बन द्वीप) को भारत की मुख्य भूमि तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसे डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए डिजाइन किया गया है। स्टील से बने नये ब्रिज पर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गयी है, जो इसे जंग और समुद्र के नमकीन पानी से बचायेगी।
5 मिनट में ऊपर उठ जाता है ब्रिज
नया पम्बन ब्रिज 100 स्पैन यानी हिस्सों से मिलकर बनाया गया है। जब समुद्री जहाज को निकलना होता है तो इस नेविगेशन ब्रिज (समुद्री जहाजों के लिए खुलने वाले ब्रिज) का सेंटर स्पैन (बीच वाला हिस्सा) ऊपर उठ जाता है। यह इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम पर काम करता है। इस वजह से इसका सेंटर स्पैन सिर्फ 5 मिनट में 22 मीटर तक ऊपर उठ सकता है। इसके लिए सिर्फ एक आदमी की जरूरत होगी। वही, पुराना पुल कैंटिलीवर पुल था। इसे लीवर के जरिये मैन्युअली खोला जाता था, जिसमें 14 लोगों की जरूरत होती थी। हालांकि समुद्री हवा की गति 58 किमी प्रति घंटे या उससे ज्यादा हो जाने पर वर्टिकल सिस्टम काम नहीं करेगा और ऑटोमैटिक रेड सिग्नल हो जाएगा। हवा की गति सामान्य होने तक ट्रेन की आवाजाही बंद रहेगी। ऐसा अक्सर अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है।