

सन्मार्ग संवाददाता
कार निकोबार : कार निकोबार के सांस्कृतिक और शैक्षणिक ढांचे को आधुनिक बनाने की दिशा में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की गई, जब जिला पुस्तकालय भवन के नवीनीकरण और आधुनिकीकरण कार्य का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त अमित काले, कार निकोबार जनजातीय परिषद के अध्यक्ष लियोनाल्ड निकोमेड, शिक्षा अधिकारी और अन्य विभागों के गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
यह परियोजना राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन, और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से शुरू की गई है। इसका उद्देश्य पुस्तकालय के सुविधाओं का उन्नयन, डिजिटल और आईटी आधारित सेवाओं का विस्तार, सार्वजनिक उपयोग सुविधाओं का आधुनिकीकरण, और दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधाओं का निर्माण करना है। इन सुधारों के माध्यम से इसे एक आधुनिक और अत्याधुनिक पुस्तकालय में परिवर्तित किया जाएगा।
उपायुक्त अमित काले ने अपने संबोधन में कहा कि पुस्तकालय न केवल डिजिटल तकनीकों से सुसज्जित होगा, बल्कि इसमें एक साउंडप्रूफ म्यूजिकल आर्ट्स रूम भी बनाया जाएगा, जहां ऑडियो रिकॉर्डिंग और संगीत प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि इस कक्ष में विभिन्न वाद्य यंत्रों की सुविधा रहेगी, जिसका वित्तपोषण एकीकृत जनजातीय विकास कार्यक्रम के अंतर्गत किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों में संगीत और रचनात्मक कौशल को बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा अधिकारी स्वपन पैक ने स्वागत भाषण दिया, जबकि उपाध्यक्ष जीएसएसएस मलक्का एवरलिन ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय का आधुनिकीकरण छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए शिक्षा और अध्ययन के नए अवसर खोलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस परियोजना से न केवल पुस्तकालय सेवाओं का आधुनिकीकरण होगा, बल्कि यह स्थानीय छात्रों और युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र भी बनेगा। डिजिटल और आईटी सुविधाओं के माध्यम से पाठकों को किताबों के अलावा ऑडियो और डिजिटल सामग्री का लाभ भी मिलेगा।
कार निकोबार जिला पुस्तकालय का यह कायाकल्प कार्य सांस्कृतिक शिक्षा, तकनीकी कौशल और रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इससे जिले में शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों का स्तर बढ़ेगा और स्थानीय समुदाय के बच्चों तथा युवाओं को रचनात्मक एवं शैक्षणिक अवसर मिलेंगे।
इस प्रकार, जिला पुस्तकालय का आधुनिकीकरण केवल भवन सुधार नहीं बल्कि कार निकोबार के शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।