

कोलकाता : राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया फिलहाल बंद कर दी गयी है। ग्राहकों की परेशानी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बुधवार को विधानसभा में विद्युत मंत्री अरूप विश्वास ने यह जानकारी दी। साथ ही मंत्री ने स्मार्ट मीटर को लेकर केन्द्र की निर्देशिका पर सवाल उठाया है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहती है जिससे आम जनता पर किसी तरह का अतिरिक्त दबाव या आर्थिक बोझ बढ़े। मंत्री ने कहा कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम जबरदस्ती थोपा गया। मैं इस कार्य को रोकने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं। मंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर कई जगहों पर समस्या उत्पन्न हुई थी और असमंजस की स्थिति पैदा हुई थी। दरअसल, स्पीकर विमान बनर्जी ने विद्युत मंत्री को राज्य में स्मार्ट मीटर की स्थिति को लेकर सदन के समक्ष स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। इसके बाद ही बिजली मंत्री अरूप विश्वास से स्मार्ट मीटर को लेकर राज्य सरकार की स्थिति स्पष्ट की। विश्वास ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार ही राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया गया। उन्होंने केंद्र सरकार की उस निर्देशिका को भी विधानसभा में पढ़कर सुनाया। मंत्री ने कहा कि केंद्र के निर्देश के अनुसार ही ट्रायल के तौर पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया गया लेकिन इसे लेकर ग्राहकों में असमंजस और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी। शिकायत यहां तक आयी कि पहले से अधिक बिजली का बिल आ रहा है। इन शिकायतों के बाद सीएम ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य में विद्युत विभाग ने इसे बंद कर दिया।
स्मार्ट मीटर के उपभोक्ताओं को समान्य मीटर की तरह ही तीन महीने में भुगतान करना होगा
मंत्री ने कहा कि राज्य में और कहीं भी स्मार्ट नहीं लगाया जाएगा और जहां भी यह स्मार्ट मीटर लगे हैं उन्हें सामान्य मीटर की तरह ही ट्रीट किया जाएगा। जैसा पहले नियम था उसी तरह तीन महीने में बिल दिया जाएगा यानी उपभोक्ताओं को हर तीन महीने में एक बार बिल का भुगतान करना होगा। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट मीटर लगाने की योजना केन्द्र सरकार की है। अन्य कई राज्यों में इसे लगाने का काम भी शुरू हो गया है मगर बंगाल में ग्राहकों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाना बंद कर दिया।