

कोलकाता : सॉल्टलेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी की मेजबानी वाले एक कार्यक्रम में नाराज दर्शकों द्वारा तोड़फाेड़ किये जाने की घटना के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को खेल मंत्री अरूप विश्वास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया, जबकि राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया तथा एक पुलिस उपायुक्त को निलंबित कर दिया। स्टेडियम विवाद के बाद से खेल मंत्री अरूप विश्वास विवादों के घेरे में आ गये थे, क्योंकि उनपर मैदान पर मेस्सी और उनके दल के साथ करीब रहने का आरोप है, जिससे गैलरी से देखने में कथित रूप से बाधा आ गयी थी। अरूप विश्वास ने सीएम को अपना त्यागपत्र लिखा था। इस पत्र को उनके पार्टी सहयोगी कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर साझा किया। सूत्रों के अनुसार, उनके इस्तीफे को स्वीकार किए जाने के बावजूद वह राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य बने हुए हैं। उनके पास विद्युत विभाग है।
‘निष्पक्ष जांच’ के लिए खेल विभाग के प्रभार से मुक्त करने की मांग की थी
अरूप विश्वास ने 15 दिसंबर को खाली कागज पर लिखे पत्र में ‘निष्पक्ष जांच’ के लिए खेल विभाग के प्रभार से मुक्त करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने यह जांच शुरू की है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ‘खेल मंत्री की भावना और इरादे की सराहना’ की और घोषणा की कि जांच पूरी होने तक खेल विभाग का कार्यभार उन्हीं के पास रहेगा। इससे पहले दिन में, इस कार्यक्रम के कथित कुप्रबंधन की जांच के लिए गठित सेवानिवृत्त न्यायाधीश आशीष कुमार रॉय की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय समिति की सिफारिशों पर कार्रवाई करते हुए, राज्य सरकार ने डीजीपी राजीव कुमार को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी कर कार्यक्रम स्थल पर सामने आयी खामियों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा और जवाब देने के लिए 24 घंटे की समय सीमा निर्धारित की। बिधाननगर पुलिस आयुक्त मुकेश कुमार को भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया और उनसे उस कार्यक्रम के प्रबंधन में आयुक्त कार्यालय की भूमिका एवं आचरण को स्पष्ट करने के लिए कहा गया, जिसके फलस्वरूप शनिवार को स्टेडियम परिसर के भीतर दर्शकों द्वारा बड़े पैमाने पर अराजकता और तोड़फोड़ की गयी थी।
मुख्य सचिव मनोज पंत के कार्यालय से जारी बयान
मुख्य सचिव मनोज पंत के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार ने बिधाननगर के उपायुक्त अनीश सरकार को निलंबित कर दिया है और उस दिन कर्तव्य में कथित लापरवाही के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की है। युवा मामले एवं खेल विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार सिन्हा को भी कथित लापरवाही को लेकर ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया है। साल्टलेक स्टेडियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देब कुमार नंदन की सेवाएं तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई हैं।
विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया गया
न्यायमूर्ति रॉय की अध्यक्षता वाली जांच समिति की सिफारिशों के अनुसार, राज्य सरकार ने स्टेडियम में हुई अराजकता की गहन जांच करने के लिए चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों- पीयूष पांडे, जावेद शमीम, सुप्रतिम सरकार और मुरलीधर- का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया है।
इस्तीफे को शुभेंदु ने बताया बकवास
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने विश्वास के इस्तीफे को ‘बकवास’ बताते हुए कहा कि यह कदम उन जनहित याचिकाओं से ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है, जिनकी सुनवाई कलकत्ता उच्च न्यायालय में इस सप्ताह के अंत में होने की संभावना है। इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने आपराधिक और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए केंद्रीय एजेंसियों द्वारा घटना की जांच की मांग की है।
खुलकर अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करें और इस्तीफा दे दें : राज्यपाल
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा भड़कने के एक दिन बाद स्टेडियम का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हिंसा होने के कारणों के बारे में अपने कुछ निष्कर्ष निकाले हैं, जिन्हें उन्होंने सोशल मीडिया और औपचारिक संचार दोनों के माध्यम से सरकार के साथ साझा किया है। उन्होंने कहा, “स्टेडियम का दौरा करने और जांच आयोग के साथ अनौपचारिक बातचीत के बाद, मैंने स्थिति का अपना आकलन किया। जनता की ओर से खेल मंत्री के इस्तीफे की जोरदार मांग है, जो उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन घटनास्थल पर मौजूद थे।’’ बोस ने कहा, ‘‘यह सलाह दी गई कि खेल मंत्री और इस मामले में जिम्मेदार लोगों के लिए बेहतर होगा कि वे खुलकर अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करें और इस्तीफा दे दें। जांच को इस मामले में लापरवाही बरतने वालों की जवाबदेही तय करनी है।’’ बोस ने कहा कि उन्हें बिस्वास के इस्तीफे के बारे में केवल मौखिक रूप से सूचित किया गया है और संविधान में यह प्रावधान है कि किसी मंत्री का इस्तीफा और विभागों का पुनर्वितरण राज्यपाल की स्वीकृति से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह सरकार से आधिकारिक पत्र की प्रतीक्षा कर रहे हैं। बोस ने कहा कि लोगों से कई अनुरोध याचिकाएं और अभ्यावेदन प्राप्त होने के बाद, उन्होंने सरकार को सुझाव दिया है कि इस घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया जाए। पुलिस ने अब तक आयोजन के मुख्य आयोजक शतद्रु दत्ता को घोर कुप्रबंधन के आरोप में और स्टेडियम में तोड़फोड़ करने के आरोप में पांच दर्शकों को गिरफ्तार किया है।