आज आमने-सामने होंगे सीएस मनोज पंत और केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहली महत्वपूर्ण बैठक
Nabanna
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कोलकाता: 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद आज यानी रविवार को पश्चिम बंगाल में गृह मामलों से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत रविवार को दोपहर बाद कोलकाता के एक पांच सितारा होटल में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन से मुलाकात करेंगे। नवान्न सूत्रो से मिली जानकरी के अनुसार राज्य और केंद्र के बीच सुरक्षा संबंधी मुद्दों को लेकर होनेवाली यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। इस बैठक में अंतरराज्यीय सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, निगरानी व्यवस्था, घुसपैठ और गुप्तचर नेटवर्क से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। विशेष रूप से उत्तर बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में बढ़ती हलचल और हाल ही में सीमा पार से हुई संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए यह बैठक और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गयी है।

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय को लेकर कई सवाल

आंतरिक सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बंगाल दौरे पर हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस सफ़र के दौरान शाह ने गृह सचिव को निर्देश दिया है कि वे राज्य की आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर सीएस पंत के साथ बैठक करें। आज जब अमित शाह अपने राजनीतिक एजेंडे में व्यस्त होंगे, उसी समय यह बैठक होगी, जिसमें राज्य की गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती भी मौजूद रहेंगी। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय को लेकर भी कई सवाल उठे थे, जिनका समाधान तलाशने के लिए यह बातचीत की जा रही है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब एनआईए ने शनिवार को पाकिस्तान से जुड़ी जासूसी के सिलसिले में बंगाल में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार केंद्र से कुछ अतिरिक्त सहायता और संसाधनों की मांग कर सकती है, खासकर सीमा पर निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकों और मानव संसाधनों की। मनोज पंत और गोविंद मोहन दोनों ही प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारी माने जाते हैं। दोनों की इस बैठक को सियासी नजरिए से भी काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि राज्य और केंद्र के रिश्ते हाल के महीनों में कई बार तनावपूर्ण हो चुके हैं। हालांकि इस मुलाकात को 'अनौपचारिक' बताया जा रहा है, लेकिन इसके एजेंडे की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यह केवल एक 'शिष्टाचार' मुलाकात नहीं है, बल्कि एक रणनीतिक संवाद है जो आने वाले समय में राज्य की सुरक्षा नीति को दिशा दे सकता है।

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