Masik Krishna Janmashtami: क्यों मनाई जाती है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जान‌िए इसका महत्व और पूजा विधि

Masik Krishna Janmashtami: क्यों मनाई जाती है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जान‌िए इसका महत्व और पूजा विधि
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कोलकाता: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को यश, कीर्ति, सुख-समृद्धि, और सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि

पंचांग के अनुसार, इस महीने मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ:

  • 22 नवंबर 2024, शुक्रवार शाम 6:07 बजे से
  • समापन: 23 नवंबर 2024, शनिवार शाम 7:56 बजे

भगवान श्रीकृष्ण का पूजन निशिता काल में किया जाता है, इसलिए इस महीने मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 22 नवंबर को रखा जाएगा और इसी दिन पूजा संपन्न होगी।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

इस व्रत का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व है।

  • व्रत करने से यश, कीर्ति, धन, ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
  • भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलने से दीर्घायु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

शुभ योगों का निर्माण

इस बार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर कुछ खास शुभ योग बन रहे हैं, जो इस दिन की महिमा को और बढ़ा देते हैं:

  1. रवि योग: यह योग सुबह 11:34 बजे से आरंभ होगा।
  2. ब्रह्म योग: इसे दुर्लभ योग माना जाता है, जो पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है।
  3. इंद्र योग: यह योग भी अत्यधिक शुभ होता है और व्रत व पूजा का महत्व बढ़ा देता है।

पूजा विधि

  1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
  3. उन्हें वस्त्र, माला, और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
  4. माखन और मिश्री का भोग लगाएं।
  5. रात को निशिता काल में श्रीकृष्ण की आरती करें और मंत्र जाप करें।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखने और पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। शुभ योगों के कारण इस दिन की पूजा और अधिक फलदायी होगी।

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