

नई दिल्ली - मणिपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर अपना त्याग पत्र सौंपा। इससे पहले, बीरेन सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद वे इंफाल लौटे और अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि मणिपुर पिछले कई महीनों से हिंसा की चपेट में है, और इसी संवेदनशील माहौल के बीच मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया है।
इस्तीफा देने के बाद यह बोले बीरेन सिंह
सीएम बीरेन सिंह ने त्यागपत्र देते हुए कहा कि उनके लिए मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है। उन्होंने आगे कहा कि वह 'मणिपुर के हितों की रक्षा के लिए समय पर कार्रवाई, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार के आभारी हैं।'
क्यो दिया इस्तीफा ?
ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य भाजपा में बढ़ते असंतोष को शांत करने के उद्देश्य से अपना इस्तीफा सौंपा है। बताया जा रहा है कि मणिपुर सरकार को कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव और संभावित फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, गौर करने वाली बात यह है कि यदि सहयोगी दल कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) सरकार से समर्थन वापस भी ले लेती, तब भी भाजपा के पास बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त संख्या थी। इसके बावजूद आशंका जताई जा रही थी कि नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले कुछ विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान पार्टी व्हिप की अवहेलना कर सकते थे।
2022 में बने थे CM
बीरेन सिंह ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 60 सदस्यीय सदन में 32 सीटों के साथ एनडीए गठबंधन की आरामदायक जीत के बाद मणिपुर के सीएम के रूप में शपथ ली। कांग्रेस ने पांच सीटें और एनपीपी ने सात सीटें जीती थीं। नगा पीपुल्स फ्रंट ने पांच और कुकी पीपुल्स अलायंस ने दो सीटें जीती थीं। उस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन सीटें जीती थीं। एनडीए सहयोगी जेडी(यू) ने छह सीटें जीती थीं। हालांकि, बाद में इसके पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए।