

कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी के बाद अब गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर उनसे मतदाता सूची संशोधन (SIR) प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से स्थगित करने की अपील की है। उनका कहना है कि बिना पर्याप्त योजना, अपर्याप्त प्रशिक्षण और अत्यंत कम समय-सीमा निर्धारित करने के कारण बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) और आम जनता पर 'अमानवीय दबाव' बढ़ गया है, जिससे 'खतरनाक' और 'अराजक' परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा तय की गयी समय-सीमा व्यावहारिक नहीं है। प्रशिक्षण की कमी के कारण कई बीएलओ अधूरी जानकारी दर्ज कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में नेटवर्क समस्याओं के कारण कार्य में घंटों लग रहे हैं, जिससे वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटने का जोखिम बढ़ गया है।
ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि अत्यधिक कार्यभार के कारण कई बीएलओ बीमार पड़ रहे हैं और हाल में आत्महत्या के मामले भी सामने आये हैं। उनके अनुसार, बीएलओ को 'गलती करने पर दंड' जैसी चेतावनियाँ दी जा रही हैं, जिससे उनमें मानसिक तनाव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री की आशंका है कि जिस तरह भारी दबाव में बीएलओ काम कर रहे हैं, उसमें 4 दिसंबर तक सभी विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं का डेटा अपलोड कर पाना संभव होगा या नहीं, यह गंभीर प्रश्न है।
सिर्फ इतना ही नहीं, अत्यधिक दबाव के कारण गलत या अधूरे फॉर्म जमा होने की भी आशंका है। इसके अलावा, ऐसी स्थिति में वास्तविक मतदाता अपने मताधिकार से वंचित भी हो सकते हैं, यह बात भी मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख की है। इस परिस्थिति में ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही, उन्होंने आयोग को लिखे पत्र में एसआईआर प्रक्रिया को तत्काल स्थगित करने का अनुरोध भी किया है।