वार्ताकार नियुक्ति असंवैधानिक, ममता ने मोदी को लिखा पत्र

कहा, राज्य को अंधेरे में रखकर फ़ैसला अनुचित
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
Published on

कोलकाता: दार्जिलिंग पहाड़ों में गोरखा संबंधी मुद्दों पर केंद्र सरकार के हालिया कदम को पूरी तरह 'अवैध, असंवैधानिक और एकतरफ़ा' बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कड़ा पत्र लिखा है। सोमवार को मुख्यमंत्री ने केंद्र द्वारा दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कर्सियांग के मुद्दों पर एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी को इंटरलोक्यूटर (वार्ताकार) नियुक्त करने के निर्णय पर गंभीर आपत्ति जतायी है।

ममता बनर्जी का आरोप है कि राज्य से कोई चर्चा किये बिना केंद्र ने यह नियुक्ति की है। उन्होंने बताया कि 18 अक्टूबर को उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी। पीएमओ ने पत्र स्वीकार कर इसे गृह मंत्रालय को भेजने की बात कही थी, लेकिन बिना किसी जवाब के 10 नवंबर को केंद्र ने इंटरलोक्यूटर कार्यालय के काम शुरू होने की जानकारी दे दी।

मुख्यमंत्री ने इस व्यवहार को चौंकाने वाला और प्रशासनिक मर्यादा के खिलाफ बताया। अपने पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और कर्सियांग पश्चिम बंगाल का अभिन्न हिस्सा हैं और जीटीए एक्ट, 2011 के अनुसार प्रशासनिक अधिकार राज्य सरकार के पास है। ऐसे में केंद्र के पास इंटरलोक्यूटर नियुक्त करने का वैधानिक अधिकार नहीं है।

ममता ने चेतावनी दी कि इस कदम से पहाड़ों की शांति और स्थिरता पर असर पड़ सकता है और राजनीतिक अस्थिरता की आशंका भी जतायी। पत्र के अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री से एक बार फिर आग्रह किया कि इस एकतरफ़ा, असंवैधानिक और अनुचित निर्णय को तुरंत वापस लिया जाये।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in