

बोलपुर : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना राज्य सरकार को जानकारी दिए करीब 1000 बीएलओ कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने पर कड़ी नाराज़गी जताई है। सोमवार को बोलपुर के गीतांजलि ऑडिटोरियम में आयोजित प्रशासनिक बैठक में उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि जिलाधिकारियों को इस प्रकार के कदम उठाने से पहले मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव को सूचित करना चाहिए था। दरअसल चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में भी बिहार की तरह मतदाता सूची की समीक्षा की तैयारी शुरु हो रही है। इसके तहत जुलाई के मध्य में दिल्ली में और पिछले रविवार को कोलकाता के नजरुल मंच में सभी बीएलओ कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। नजरुल मंच की बैठक में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल भी मौजूद थे। इस सम्वन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा, जिलाधिकारियों को अब और सतर्क रहने की ज़रूरत है। कई बार जिम्मेदारी निचले अधिकारियों को देकर वे पीछे हट जाते हैं। एक हज़ार लोगों को दिल्ली ले जाकर प्रशिक्षण देने से पहले राज्य सरकार को क्यों नहीं बताया गया? ममता बनर्जी ने बीएलओ कर्मियों से भी अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची से न हटे। उन्होंने कहा, चुनाव की तारीख घोषित होने तक प्रशासनिक जिम्मेदारी राज्य सरकार के पास होती है। आप राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, इसलिए किसी भी नागरिक को बेवजह परेशान न करें।