विद्यासागर के आदर्शों को नहीं मानने वालों के लिए जगह नहीं : ममता

कहा, विद्यासागर की विरासत की रक्षा करेगा बंगाल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
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कोलकाता: महान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की 205वीं जयंती पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विद्यासागर केवल एक शिक्षाविद ही नहीं, बल्कि आधुनिक बंगाल की नींव रखने वाले एक विचारक थे, जिनके आदर्शों और साहस ने समाज को प्रगतिशील दिशा दी।

मुख्यमंत्री ने कहा, विद्यासागर के धर्मनिरपेक्ष और मानवीय आदर्शों को जो नहीं मानते, जिन्होंने उनकी मूर्ति तोड़ी, बंगाल की भाषा और संस्कृति का अपमान किया, उनके लिए इस राज्य में कोई स्थान नहीं। सीएम ने यह भी बताया कि तृणमूल सरकार ने विद्यासागर की मूर्ति को फिर से स्थापित किया है और उनकी स्मृति को बरकरार रखने के लिए राज्यभर में कई पहल की गयी हैं।

घाटाल-चंद्रकोना रोड पर ‘बर्णपरिचय’ नामक एक स्मृति द्वार बनाया गया है, जिसकी डिजाइन स्वयं मुख्यमंत्री ने तय की। इस परियोजना पर करीब 1.83 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। बीरसिंह गांव में विद्यासागर के जन्मस्थल पर भी व्यापक विकास किया गया है। वहां ‘बीरसिंह प्रवेशद्वार’, ‘विद्यासागर बाल उद्यान’, ‘ईश्वरचंद्र स्मृति मंदिर’ आदि का निर्माण और सुन्दरीकरण कराया गया है, जिस पर लगभग 3 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है।

इसके अलावा कोलकाता स्थित उनके आवास और कॉलेजों को हेरिटेज का दर्जा देते हुए संरक्षण का कार्य किया गया है। सीएम ममता ने कहा, हमने अतीत को सहेजने का काम किया है ताकि आने वाली पीढ़ियां विद्यासागर के आदर्शों से प्रेरणा ले सकें।

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