

बर्दवान: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में कटौती से राज्य सरकार को सालाना लगभग 900 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। केंद्र सरकार अगले महीने जीएसटी काउंसिल की बैठक में स्वास्थ्य बीमा और कुछ अन्य आवश्यक वस्तुओं पर कर छूट का प्रस्ताव ला सकती है।
ममता ने कहा कि बंगाल इस छूट की मांग करने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा, लोगों के हित में हमें यह पहल करनी पड़ी। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी खत्म करने से आम नागरिकों को राहत मिलेगी लेकिन सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। फिलहाल स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है, जिसमें से 9 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को मिलता है।
मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि बीमा कंपनियां प्रीमियम बढ़ाकर इस छूट का लाभ नकार न दें। ममता ने कहा कि जीएसटी छूट से देश में स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बढ़ेगी। फिलहाल निजी बीमा योजनाओं के तहत 20 प्रतिशत से भी कम लोग कवर हैं। हालांकि कई राज्यों ने राजस्व नुकसान पर चिंता जताई है, क्योंकि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी राज्यों की कर-संग्रह का हिस्सा है।
उन्होंने राज्य की ‘स्वास्थ्य साथी' योजना का भी उल्लेख किया, जिसके तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य कवर उपलब्ध है। ममता ने कहा कि जीएसटी छूट और राज्य योजनाओं के संयोजन से अधिक लोग बीमा से जुड़ पाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बीमा प्रीमियम को सस्ता बना सकता है, लेकिन आशंका है कि कंपनियां दरें बढ़ाकर लाभ को संतुलित कर सकती हैं। इस कारण प्रस्ताव का वास्तविक असर अब भी बहस का विषय बना हुआ है।