

इलमबाजार : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को इलमबाजार की सभा से भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए कि वे बंगाल में वोटर लिस्ट से लोगों के नाम हटाकर एनआरसी लागू करने की साजिश कर रही है। ममता ने कहा, यह मत भूलिए, बंगाल में एक भी असली वोटर का नाम वोटर लिस्ट से हटने नहीं दिया जाएगा। यह हमारा संवैधानिक अधिकार है। मुख्यमंत्री ने मंच से ही पार्टी नेताओं अनुव्रत मंडल, काजल शेख और अन्य जिला नेतृत्व को क्षेत्र में सक्रिय रूप से निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी असली मतदाता का नाम ना छूटे। उन्होंने आम लोगों से अपील की कि ज़रूरत पड़ने पर वे जाकर बीएलआरओ से पूछें – मेरा नाम क्यों हटाया गया? और अपनी आवाज उठायें, क्योंकि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। ममता ने मतुआ, राजवंशी और अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे कथित अत्याचार की भी कड़ी आलोचना की। ममता ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, तुम कहते हो डेढ़ करोड़ नाम काटोगे क्योंकि वे रोंहिग्या हैं? शर्म नहीं आती? असम सरकार बंगाल के लोगों को नोटिस भेज रही है, यह निंदनीय है। उन्होंने कहा, बंगाल किसी के रहमोकरम पर नहीं जिंदा है। इसने आज़ादी की लड़ाई, नवजागरण और राष्ट्रीय चेतना को जन्म दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, हर व्यक्ति को अपने नाम की दोबारा पुष्टि करनी होगी। उन्होंने 18 वर्ष के छात्रों, पिछड़े वर्ग समुदाय और बाहर काम कर रहे बंगालियों से अपील की कि वे वोटर लिस्ट में अपना नाम जरूर दर्ज करवाएं। मुख्यमंत्री ने कलाकारों, खिलाड़ियों और नागरिक समाज से भी सड़क पर उतरने की अपील की। उन्होंने कहा, राजनीतिक मंच पर नहीं, अपने तरीके से विरोध दर्ज कराएं। दिखा दो कि बंगाल हार मानता नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी, हम अत्याचार नहीं सहेंगे। चाहे जितनी लड़ाई करनी पड़े, हम करेंगे। ममता ने कहा, हम लड़ेंगे – जैसे पहले सीपीएम के खिलाफ लड़े थे, अब भाजपा के अत्याचार के खिलाफ भी लड़ेंगे।