आधुनिकता के बीच बीरेंद्रकृष्ण का स्थान अटल : ममता

बांग्ला संस्कृति के संरक्षण पर जोर
CM Mamata Banerjee
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कोलकाता: बंगाल में पितृपक्ष के अंत और देवीपक्ष के आरंभ के साथ महालया का पवित्र दिन आने वाला है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के मंच से अपनी भावपूर्ण बातें साझा कीं।

उन्होंने कहा कि चाहे आधुनिकता कितनी भी बढ़ जाए, बांग्ला संस्कृति में महान कलाकार बीरेंद्रकृष्ण भद्र की आवाज में ‘महिषासुरमर्दिनी’ के चंडीपाठ का कोई विकल्प नहीं है। ममता बनर्जी ने कहा, मैं बचपन से इस चंडीपाठ को सुनती आ रही हूं और आज भी जब सुनती हूं तो एक अलग ही भावना पैदा होती है।

यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने बांग्ला भाषा और संगीत की वर्तमान स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आजकल बंगाली गीतों की गुणवत्ता में कमी आई है और वे जीवन्तता से खाली नजर आते हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बंगाली भाषा को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ममता ने यह भी घोषणा की कि उनका नया गाना जल्द ही रिलीज होने वाला है। यह गीत सुरुचि क्लब से प्रकाशित होगा और इसका शीर्षक ‘आमार आंखिर प्रत्यूषे’ है।

मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि बंगाली संगीत का सुनहरा युग वापस आएगा और भाषा एवं संगीत दोनों ही पुनः समृद्धि की ओर बढ़ेंगे। ममता बनर्जी का यह संदेश बंगाली संस्कृति के प्रति उनके गहरे लगाव और संरक्षण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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