ममता की खुली चेतावनी, एक भी मतदाता घटा तो भाजपा सरकार का गिरना तय

ममता बनर्जी ने कहा कि एसआईआर का मतलब ‘चुपचाप, अदृश्य तरीके से धांधली‘
ममता की खुली चेतावनी, एक भी मतदाता घटा तो भाजपा सरकार का गिरना तय
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कोलकाताः एसआईआर के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब तक का सबसे बड़ा बयान देते हुए केंद्र की मोदी सरकार को आगाह किया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि यदि मतदाता सूचियों से एक भी पात्र मतदाता को हटाया गया तो केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार का गिर जाना तय है।

ममता बनर्जी का चुनाव आयोग पर आरोप

उन्होंने भाजपा और निर्वाचन आयोग (ईसी) पर 2026 के बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को डराने-धमकाने के लिए एसआईआर (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण) को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया। यहां एक विशाल एसआईआर विरोधी रैली का नेतृत्व करते हुए, ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह भाजपा शासित राज्यों को छोड़ दे रहा है जबकि विपक्ष शासित राज्यों में चुनिंदा रूप से पुनरीक्षण अभियान चला रहा है।

भाजपा शासित राज्यों को छूट

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘निर्वाचन आयोग केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एसआईआर चला रहा है, लेकिन भाजपा शासित असम में (वह) ऐसा नहीं कर रहा है।’ इन चार राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ममता बनर्जी ने मांग की, ‘निर्वाचन आयोग को यह भी जवाब देना चाहिए कि भाजपा शासित असम, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में एसआईआर क्यों नहीं कराया जा रहा है।’ उन्होंने इसे ‘केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की मदद करने के उद्देश्य से किया गया स्पष्ट भेदभाव’ बताया।

जल्दबाजी में एसआईआर

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 2002 में हुई पिछले एसआईआर को पूरा होने में कम से कम दो साल लगे थे। उन्होंने आश्चर्य जताया कि इस बार निर्वाचन आयोग इसे सिर्फ़ एक महीने में पूरा करने की ‘जल्दबाजी’ क्यों कर रहा है। बनर्जी ने मौजूदा प्रक्रिया को ‘जल्दबाजी में और राजनीति से प्रेरित’ बताया। बनर्जी ने समर्थकों की तालियों की गड़गड़हाट के बीच बीच कहा, ‘यदि बंगाल में मतदाता सूचियों से एक भी पात्र मतदाता को हटाया गया तो हम भाजपा सरकार को गिरा देंगे।’

बिहार में कितने मिले बांग्लादेशी-रोहिंग्या?

पश्चिम बंगाल में ‘अवैध मतदाता होने के’ भाजपा के बार-बार के दावे पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एसआईआर के बाद बिहार में कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मिले’ उन्होंने कहा कि सिर्फ बांग्ला बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं बन जाता। उन्होंने भाजपा पर बंगालियों को बदनाम करने के लिए फर्जी एवं सांप्रदायिक दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया।

बीजेपी मतदाताओं को डरा रही है

भाजपा पर निशाना साधते हुए तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘भाजपा वोटों के आधार पर नहीं, बल्कि नोटों के बल पर जीतना चाहती है। अगर यह मतदाता सूची फर्जी है, तो भाजपा ने इसी सूची के आधार पर पिछले चुनाव कैसे जीते?’ बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआईआर का मतलब ‘चुपचाप, अदृश्य तरीके से धांधली’ है और भाजपा मतदाताओं में डर पैदा करने के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है।

बीजेपी से ममता का सवाल

तृणमूल प्रमुख ने सवाल किया, ‘हमें इस धरती पर जन्म लेने और पले-बढ़े होने के बाद भी क्या भाजपा के सामने अपनी नागरिकता साबित करनी होगी?’ भीड़ ने बनर्जी के इस बयान का पुरज़ोर समर्थन किया। विरोध मार्च के दौरान मुख्यमंत्री के भतीजे और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी मौजूद थे। तृणमूल प्रमुख ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर तृणमूल कांग्रेस इस लड़ाई को दिल्ली तक ले जाएगी।

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