

कोलकाता: इस वर्ष रथ यात्रा को लेकर आम लोगों में उत्साह चरम पर है, विशेष रूप से दीघा जगन्नाथ धाम में पहली बार भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल होंगी। उस माहौल में मुख्यमंत्री ममता ने सभी विधायकों को रथ यात्रा का आयोजन करने का निर्देश दिया है। 27 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी। सूत्रों के अनुसार, उस दिन सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद रहेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में रथ यात्रा निकाली जाएगी और वे वहां मौजूद रहेंगे। सोमवार को विधानसभा में कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने भीड़ प्रबंधन पर भी चिंता व्यक्त की।
अनावश्यक भीड़भाड़ पर रोक लगाएं
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री की मंत्रियों और विधायकों को सलाह देते हुए कहा कि क्षेत्र के लोगों से कहें कि वे भीड़भाड़ से बचें और सावधान रहें। दीघा में मंदिर के पास सड़क के दोनों ओर अनावश्यक भीड़भाड़ पर रोक लगाएं। जो जाना चाहते हैं, वे जाएं, लेकिन एक ही दिन में सभी एक साथ नहीं। सावधानी से और धीरे-धीरे जाएं। पता चला है कि दीघा में जगन्नाथ मंदिर तक जाने वाली सड़क के दोनों ओर बैरिकेड्स लगाए जाएंगे। तीर्थयात्री उन बैरिकेड्स के अंदर ही रहेंगे। लेकिन प्रशासन ऐसी व्यवस्था करेगा कि हर कोई रथ की रस्सियों को छू सके। रथ यात्रा के दिन मुख्यमंत्री के अलावा अरूप विश्वास, चंद्रिमा भट्टाचार्य, इंद्रनील सेन, सुजीत बसु और स्नेहाशीष चक्रवर्ती जैसे मंत्री मौजूद रह सकते हैं। मंत्री और विधायकों का एक वर्ग फिर 'उल्टा रथ' में दीघा जा सकता है। सब मिलाकर इस बार दीघा में रथयात्रा की तैयारी जोरों पर है।
राज्य प्रशासन में नए पदों के सृजन को मंजूरी
इसके अलावा, राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को अपनी बैठक में पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के लिए उप सचिव के दो नए पदों के सृजन को मंजूरी दी। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (कानून) और संयुक्त आयुक्त (साइबर) के दो नए आईपीएस पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है। साथ ही नेताजी सुभाष खेल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय विधेयक को भी मंजूरी दी गई। इतना ही नहीं, सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने डब्ल्यूबीसीएस के पुराने पाठ्यक्रम में भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक संशोधन को भी मंजूरी दे दी है।