

सूती: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद से मंगलवार को एक बार फिर शांति और सौहार्द का संदेश दिया। उन्होंने सूती की जनसभा से जिलावासियों से अपील की कि शांति बनाए रखें, उकसावे में न आएं। साथ ही सीएम ने राजनीतिक साजिश और कट्टरपंथी भड़कावे के खिलाफ सख्त चेतावनी भी दी।
धर्म का मतलब है मानवता, भक्ति, संस्कृति और सौहार्द
मुख्यमंत्री ने मंच से मुर्शिदाबाद के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि मुर्शिदाबाद कभी देश की राजधानी था। यह जिला हमेशा शांति और मेल-मिलाप का प्रतीक रहा है। यहां हिंसा की कोई जगह नहीं। वर्ष 1992 में विवादित ढांचा ढहाए जाने की घटना को याद करते हुए ममता ने कहा कि पूरे बंगाल में उस समय तनाव फैला था, लेकिन मुर्शिदाबाद शांत रहा। यहां के लोगों ने हिंसा नहीं होने दी। उस समय मैं खुद कत्रा मस्जिद गई थीं। वाम शासन के दौरान भी यहां 40 लोगों की जानें गई थीं। वह दृश्य आज भी मेरी आंखों के सामने है। मानवता और एकता की अपील करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे मार डालो, लेकिन हिंसा मत करना। मैं रोशनी चाहती हूं, अंधकार नहीं। धर्म का मतलब है मानवता, भक्ति, संस्कृति और सौहार्द। खून किसी का नहीं देखता—वह जीवन बचाता है, छीनता नहीं।
संकल्प लीजिए, हिंसा नहीं, शांति के रास्ते पर चलेंगे
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक संगठनों या कट्टरपंथियों के बहकावे में मत आइए। भाजपा चाहती है कि लोगों के बीच नफरत फैले। मेरी आप सबसे विनती है कि इनके जाल में न फंसिए। लोग हिंसा नहीं करते, करायी जाती है। योजनाबद्ध तरीके से उपद्रवी बाहरी लोगों को यहां लाया जाता है। हर धर्म के प्रति अपनी आस्था और प्रेम प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, 'जैसे मैं दुर्गापूजा करती हूं, वैसे ही ईद, रमजान, बुद्ध पूर्णिमा और जैन पर्वों में भी शामिल होती हूं। बंगाल उत्सवों की भूमि है, यहां हर धर्म के लोग साथ रहते हैं। हिंदू-मुस्लिम-ईसाई-सिख — सभी भाई-भाई हैं।' अंत में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि संकल्प लीजिए, हिंसा नहीं, शांति के रास्ते पर चलेंगे। अगर हिंसा होगी, तो दीदी नहीं रहेगी। मैं लोगों के साथ रहना चाहती हूं, उनके चरणों में रहना चाहती हूं। सिर पर नहीं, दिल में जगह बनाना चाहती हूं।