

कोलकाता : विधानसभा चुनाव से पहले अब आम लोगों की समस्याएं सुनने मोहल्लों तक पहुंचेगी सरकार। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य सचिवालय नवान्न में एक नया जनकल्याणकारी योजना 'आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान' की घोषणा की। इस मुद्दे पर प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह की पहली पहल होगी, जिसका मकसद स्थानीय स्तर पर आम जनता की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करना है।
राज्य के लगभग 80,000 बूथों को कवर किया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा, हम अक्सर देखते हैं कि मोहल्लों में छोटी-छोटी समस्याएं होती हैं जैसे नल या बिजली का खंभा लगवाना जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। अब सरकार सीधे सड़क पर उतरेगी और इन मुद्दों का समाधान करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' योजना पर तंज कसते हुए कहा, प्रधानमंत्री अक्सर आत्मनिर्भर होने की बातें करते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं होता। करीब 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया रहने के बावजूद राज्य को खुद ही सब कुछ करना पड़ता है। इस योजना के तहत राज्य के लगभग 80,000 बूथों को कवर किया जायेगा। हर केंद्र तीन बूथों के लिए जिम्मेदार होगा, जो एक मोहल्ला इकाई के रूप में काम करेगा। पूरे राज्य में दो महीने के भीतर योजना को लागू किया जाएगा।
प्रत्येक बूथ को 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रत्येक बूथ पर अधिकारी पूरे दिन उपलब्ध रहेंगे और एक निर्धारित स्थान पर ग्रामीण अपनी स्थानीय समस्याएं साझा कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक बूथ को 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इस तरह कुल मिलाकर सरकार इस योजना पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। योजना का क्रियान्वयन 2 अगस्त से शुरू होगा। इसके सफल संचालन के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव करेंगे। जिला और राज्य स्तर पर भी टास्क फोर्स कार्यरत होगा। पुलिस की भूमिका भी समन्वय और निगरानी में अहम होगी। सीएम ने कहा कि यह योजना न केवल प्रशासन को जन सरोकारों से जोड़ने का एक प्रयास है, बल्कि राज्य सरकार के विकेंद्रित शासन के मॉडल को भी मजबूत करती है।