

कोलकाता : प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा के मद्देनज़र दीघा जगन्नाथ धाम के महाप्रसाद को राज्य के हर कोने तक पहुंचाने की तैयारियां जोरो पर है। इसके लिए हाल में एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में स्पष्ट किया गया कि 17 जून से राज्य भर में घर-घर जाकर महाप्रसाद का वितरण शुरू किया जाएगा, जो उल्टोरथ (रथयात्रा की वापसी) के पहले पूरा कर लिया जाएगा। इस योजना के तहत 'दुआरे राशन' परियोजना के माध्यम से राज्य के हर जिले के लोगों तक भगवान जगन्नाथ का प्रसाद पहुँचाया जाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति इस दिव्य प्रसाद से वंचित न रहे। इस विशेष महाप्रसाद में भगवान प्रभु जगन्नाथ को अर्पित खोया-खीर शामिल होगा, साथ ही पवित्र मंदिर की एक तस्वीर भी दी जाएगी। प्रसाद को धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर सभी नागरिकों तक पहुँचाया जाएगा। सरकार की यह पहल न केवल धार्मिक भावना से जुड़ी है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन रही है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वितरण में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहे। विशेषज्ञ का मानना हैं राज्य सरकार की यह अभिनव योजना रथयात्रा के अवसर पर लोगों के बीच भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक सौहार्द को और भी प्रगाढ़ करेगी। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को हुई वर्चुअल बैठक में राज्य के खाद्य मंत्री रथीन घोष और सूचना व संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन ने भाग लिया। उनके साथ खाद्य विभाग के सचिव परवेज़ सिद्दिकी, सूचना व संस्कृति विभाग के सचिव शांतनु बसु तथा सभी जिलों के जिलाधिकारी भी इस बैठक में वर्चुअल रूप से जुड़े थे।