सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान और निकोबार द्वीपसमुह के उपराज्यपाल एडमिरल डी.के. जोशी ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 पर राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। उपराज्यपाल ने निकोबार द्वीप समूह में आदिवासी विकास सहकारी समिति की सफलता की कहानी पर प्रकाश डाला, जिसमें निकोबारी समुदाय द्वारा उत्पादित वर्जिन नारियल तेल को हाल ही में छह अन्य उत्पादों के साथ जीआई टैगिंग प्रदान की गई थी, जो सहकारिता के माध्यम से आर्थिक सशक्तीकरण का एक उदाहरण है। उन्होंने भारत के सबसे प्रभावशाली टॉक शो ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 2025 के अपने पहले संस्करण में इस उपलब्धि को शामिल करने के लिए भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। इसके अलावा उन्होंने अंडमान में सीएलयू (भूमि उपयोग में परिवर्तन) के माध्यम से कृषि भूमि को अंधाधुंध वाणिज्यिक भूमि में बदले जाने पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप 40 फीसदी कृषि भूमि में कमी आई, जिससे कृषि, कृषि उत्पाद, डेयरी, मुर्गीपालन और पशुपालन क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जो सहकारी समितियों के लिए मुख्य क्षेत्र हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल 2.5 फीसदी भूमि क्षेत्र कृषि भूमि के रूप में बचा है। उपराज्यपाल ने द्वीपों को टूना क्लस्टर के रूप में घोषित करने और सहकारी क्षेत्र के माध्यम से मोटर चालित मछली पकड़ने वाली नौकाओं, मशीनीकृत गहरे समुद्र के ट्रॉलर, मत्स्य निर्यात और झींगा पालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने विजयपुरम में एमपीईडीए (समुद्री उत्पाद निर्यात विकास एजेंसी) और ईआईए (निर्यात निरीक्षण एजेंसी) खोलने की सुविधा के लिए गृह मंत्री को भी धन्यवाद दिया, जो दक्षिण पूर्व एशिया में मत्स्य पालन और समुद्री उत्पादों के प्रत्यक्ष निर्यात को सक्षम करेगा, जिसे सहकारी क्षेत्र के माध्यम से आगे बढ़ाने की योजना है।