127 साल बाद भारत लौटीं भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि अवशेष

हर भारतीय के लिए गर्व की बात - PM मोदी
भगवान बुद्ध की पवित्र पिपरहवा अस्थियां
भगवान बुद्ध की पवित्र पिपरहवा अस्थियां
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नई दिल्ली : भगवान बुद्ध की पवित्र पिपरहवा अस्थियां 127 साल बाद भारत लौट आईं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया। अस्थियां 1898 में उत्तर प्रदेश के पिपरहवा में मिली थीं, लेकिन ब्रिटिश काल में विदेश भेज दी गईं। इस साल एक अंतरराष्ट्रीय नीलामी में सामने आने पर भारत सरकार ने उन्हें वापस लाने में सफलता पाई।

भगवान बुद्ध की पवित्र पिपरहवा अस्थियां 127 साल के बाद भारत वापस लोट आई है। इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। अपने सोशल मीडिया एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा कि हर भारतीय को गर्व होगा कि भगवान बुद्ध की पवित्र पिपरहवा अस्थियां 127 साल बाद फिर भारत लौट आई हैं। ये अस्थियां भारत और भगवान बुद्ध के बीच गहरे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंधों को दर्शाती हैं। यह हमारी समृद्ध संस्कृति के संरक्षण और सम्मान के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

क्या हैं पिपरहवा अस्थियां?

बता दें कि पिपरहवा, उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है, जहां 1898 में खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की अस्थियां प्राप्त हुई थीं। उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था और ये अस्थियां विदेश ले जाई गई थीं। प्रधानमंत्री ने बताया कि ये पवित्र अस्थियां इस साल की शुरुआत में एक अंतरराष्ट्रीय नीलामी में सामने आईं, तब भारत सरकार ने तत्काल प्रयास करते हुए उन्हें वापस भारत लाने में सफलता पाई।

पीएम मोदी ने सभी प्रयासकर्ताओं का आभार जताया

प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक विरासत को वापस लाने के लिए सभी संबंधित लोगों और संस्थाओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास न सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का उदाहरण है, बल्कि यह भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के प्रति भारत की श्रद्धा को भी दर्शाता है। यह कदम उस समय और भी खास माना जा रहा है जब दुनियाभर में बौद्ध विरासत और भारत के ऐतिहासिक योगदान को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।

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