लोकभवन का नया गौरव द्वार : अब 'वंदे मातरम'

वंदे मातरम की लौ को अमर रखने के लिए 'नित्यशिक्षा' प्रज्ज्वलित
लोकभवन का नया गौरव द्वार : अब 'वंदे मातरम'
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सबिता, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : राजभवन का नाम लोकभवन होने के बाद अब राजभवन गेट का भी नाम बदलने का निर्णय लिया गया है। लोकभवन का नया गौरव द्वार अब होगा 'वंदे मातरम' द्वार होगा। राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस के पदभार ग्रहण करने के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर उन्होंने लोक भवन के उत्तर द्वार का नाम बदलकर 'गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वार' रख दिया था। अब ऋषि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित प्रतिष्ठित वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल विधानसभा की ओर जाने वाले लोकभवन के दक्षिण-पश्चिम द्वार का नाम बदलकर वंदे मातरम द्वार रखने का निर्णय लिया है। आज शनिवार को इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी।

लोक भवन में वंदे मातरम चेयर की स्थापना

राज्यपाल ने श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाले उत्सव की घोषणा की है। उत्सव का शुभारंभ 10 नवंबर को राज्यपाल के नेतृत्व में निकाली गई वंदे मातरम यात्रा के साथ हुआ, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राज्यपाल ने लोकभवन में वंदे मातरम चेयर की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य वंदे मातरम के व्यापक प्रभाव और प्रासंगिकता पर शोध करना,कार्यशालाओं एवं सेमिनारों का आयोजन करना है। आज 13 दिसंबर को राज्यपाल वंदे मातरम की लौ को अमर रखने के लिए 'नित्यशिक्षा' प्रज्ज्वलित करेंगे।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

* समारोह का शुभारंभ हुगली के चुंचुड़ा में एक कार्यक्रम के साथ होगा, जहां बंकिम चंद्र ने वंदे मातरम गीत की रचना की थी।

* कॉलेजों और स्कूलों सहित 150 शिक्षण संस्थान वंदे मातरम सामूहिक गायन का आयोजन करेंगे।

* हुगली के चुंचुड़ा से एक रंगारंग शोभायात्रा निकाली जाएगी।

* एशियाटिक सोसाइटी और मौलाना अबुल कलाम आजाद एशियाई अध्ययन संस्थान वंदे मातरम की रचना के इतिहास और श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय पर प्रदर्शन आयोजित करेंगे।

* छात्रों, शिक्षकों और युवाओं की एक विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी।

* शोभायात्रा को जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।

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