

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान निकोबार की सीआईडी के स्पेशल ब्रांच द्वारा तैयार की गई एक बेहद संवेदनशील और गोपनीय सूची लीक हो गई है। इसका प्रचार व्हाट्सएप पर हो रहा है। इस सूची में उन बांग्लादेशियों के नाम हैं जो दक्षिण अंडमान जिले में रह रहे हैं। व्हाट्सएप के विभिन्न ग्रुपों के जरिए यह सूची अब अंडमान निकोबार के हजारों लोगों तक पहुंच गई है। आम लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिलनी चाहिए थी। सीआईडी के स्पेशल ब्रांच ने इस गोपनीय सूची को दक्षिण अंडमान के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और निकोबार एवं उत्तर व मध्य अंडमान जिले के एसपी को भेजा था। इस सूची के लीक हो जाने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं। इस वजह से प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो हुआ ही है इसके साथ ही संवेदनशील विभागों के बीच आपसी आदान-प्रदान को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। गोपनीय सूची को लीक किए जाने के मामले को गंभीरता से देखा जाना चाहिए। जिन लोगों ने इस सूची को लीक किया है उनकी पहचान करने के साथ-साथ उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाना जरूरी है। यहां गौरतलब है कि यह सीबीसीआईडी ही एक ऐसा विभाग है जहां भ्रष्टाचार और मानवाधिकार के उल्लंघन के अलावा सूचना पाने का अधिकार लागू नहीं होता है। इसके बावजूद यह गोपनीय सूचना आम लोगों तक पहुंच गई है। इसका बहुत गलत असर पड़ेगा। जिन बांग्लादेशियों की निगरानी की जा रही थी वे अब इस सूची के खुलासा होने के बाद भागने का प्रयास करेंगे। अब हो सकता है कि वे अपनी पहचान बदलने की कोशिश करें ताकि अधिकारियों की पकड़ में ना आ सकें। इसके अलावा जिन लोगों के नाम इस सूची में गलती से डाल दिये गये हैं वे सब संदिग्ध बन जाएंगे। इससे उनकी सामाजिक पहचान, आजीविका और सम्मान प्रभावित होगा। इससे यह भी देखा है कि कितनी आसानी से सरकार की गोपनीय सूची लीक कर दी गयी। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि गोपनीय दस्तावेजों तक पहुंच रखने वाले सिस्टम के किसी व्यक्ति ने ही इसे लीक किया है। अगर अभी इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में इसका असर पड़ सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। सरकारी गोपनीय दस्तावेजों को लीक किए जाने के खिलाफ कानूनी प्रावधान है। इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान करके उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह संदेश भी दिया जाना जरूरी है कि इस तरह के मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।