

SIR गिनती में सामने आये आंकड़े
केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 16 दिसंबर को ड्राफ़्ट वोटर लिस्ट जारी होने से पहले ही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया में बड़ी संख्या में वोटरों के नाम हटाए जाने का आंकड़ा सामने आया है। कोलकाता में ही लगभग छह लाख वोटरों के नाम ड्राफ़्ट लिस्ट से बाहर किए गए हैं, जिनमें नॉर्थ कोलकाता के 3,90,000 और साउथ कोलकाता के 2,16,000 वोटर शामिल हैं।
ये जिले सबसे ऊपर?
SIR प्रक्रिया में अस्थायी रूप से हटाए गए वोटरों की सूची में शीर्ष पर ये जिले हैं—
-साउथ 24 परगना : 8,16,000
-नॉर्थ 24 परगना : 7,92,000
-हावड़ा : 4,47,000
वोटरों को तीन कैटेगरी में क्यों बांटा गया?
SIR प्रक्रिया में वोटर पहचान को स्पष्ट रखने के लिए तीन श्रेणियाँ बनाई गईं—
1. सेल्फ-मैपिंग लिस्ट — 2,93,69,188 वोटर, जिनके नाम 2002 की सूची में थे।
2. प्रोजेनी मैपिंग — 3,84,55,939 वोटर, जिनके माता-पिता/रिश्तेदार 2002 की वोटर लिस्ट में थे।
3. नॉन-मैपिंग लिस्ट — लगभग 30 लाख वोटर, जिनके या उनके परिजनों के नाम 2002 की लिस्ट में नहीं पाए गए। इन लोगों को सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा ताकि दस्तावेज सत्यापित किए जा सकें।
ड्राफ़्ट लिस्ट 16 दिसंबर को, फ़ाइनल लिस्ट 14 फरवरी को
16 दिसंबर को जब ड्राफ़्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी, तब
मतदाता अपने नाम की स्थिति देख सकेंगे
किसी त्रुटि या शिकायत के लिए आवेदन दे सकेंगे
सभी दावों की सुनवाई और दस्तावेज जांच के बाद 14 फरवरी 2026 को अंतिम वोटर सूची जारी की जाएगी। देश के 12 राज्यों में SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से चल रही है। कई राज्यों की डेडलाइन बढ़ाई गई है, लेकिन पश्चिम बंगाल की समय सीमा नहीं बढ़ाई गई है और प्रक्रिया तय शेड्यूल के अनुसार पूरी की जाएगी।