कोलकाता : विंटेज वाहनों को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (मॉर्थ) के गाइडलाइन को पश्चिम बंगाल में लागू करने के लिए विंटेज वाहन मालिकों ने राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है। यहां उल्लेखनीय है कि जुलाई 2021 में मॉर्थ द्वारा केंद्रीय सड़क परिवहन नियमों में सुधार करते हुए विंटेज कार को लेकर कुछ नये गाइडलाइन बनाये गये थे। अब पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से भी इसे लागू कर दिया गया है। इस बाबत परिवहन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. सौमित्र मोहन द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ‘विंटेज’ कैटेगरी के तहत वाहनों के रजिस्ट्रेशन के मामले में विभिन्न हितधारकों द्वारा कई तरह के प्रस्ताव मिल रहे थे। सेंट्रल मोटर ह्वीकल रूल्स, 1989 में विंटेज मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर कई विशेष प्रावधान भी दिये गये हैं।
इस तरह कर सकते हैं आवेदन : फॉर्म 20 में विंटेज वाहन मालिक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए बीमा की पॉलिसी, फीस, इम्पोर्टेड विंटेज मोटर ह्वीकल्स के मामले में बिल ऑफ एंट्री, वाहन अगर भारत में पहले से रजिस्टर्ड है ताे पुराना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आवश्यक होगा। रजिस्टरिंग अथॉरिटी द्वारा नया सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
नहीं कर सकेंगे रोजाना इस्तेमाल:
नोटिफिकेशन में कहा गया कि इस तरह के वाहनों का रोजाना इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा वाहनों का कॉमर्शियल इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकेगा। रजिस्ट्रेशन और विंटेज मोटर ह्वीकल के लिए सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन जारी करने हेतु 20,000 रुपये फीस देनी होगी और रि-रजिस्ट्रेशन अथवा आरसी के रिन्यूअल के लिए 5,000 रुपये फीस देनी होगी।
रख सकते हैं पुराना रजिस्ट्रेशन प्लेट: वाहनों की विंटेज पहचान बरकरार रखने के लिए नये रजिस्ट्रेशन प्लेट के नीचे मौजूदा यानी पुराना रजिस्ट्रेशन प्लेट सजावट के तौर पर दिखा सकते हैं। कैंसेल्ड रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को भी रखने के लिए मालिक को एंटीक की पहचान बरकरार रखने हेतु अनुमति दी गयी है। जो विंटेज मालिक विंटेज कैटेगरी में नहीं आना चाहते हैं, वे मौजूदा कैटेगरी में भी रजिस्ट्रेशन नंबर ले सकते हैं। हालांकि उन्हें टैक्स में छूट से राहत नहीं मिलेगी।
आरटीए में होती थी काफी परेशानी : क्लासिक ड्राइवर्स क्लब के ट्रस्टी पृथ्वी नाथ टैगोर ने सन्मार्ग को बताया, ‘पूरी विंटेज मोटरिंग कमेटी परिवहन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. सौमित्र मोहन का आभार व्यक्त करती है क्योंकि उनकी पहल पर ही ऐसा संभव हो पाया है। पहले वाहन पोर्टल पर हमें विकल्प ही नहीं दिखता था और हमारा पुराना रजिस्ट्रेशन नंबर हमें खोना पड़ता था। हालांकि अब ‘वीए’ सिरीज के नंबर रजिस्ट्रेशन के साथ ही हम पुराना रजिस्ट्रेशन नंबर भी सजावट के तौर पर रख सकेंगे, यह अच्छा कदम है। काफी विंटेज मालिक ऐसे हैं जो एलएमवी (लाइट मोटर ह्वीकल) के तहत रजिस्टर्ड हैं और वे वीए सिरीज नहीं लेना चाहते हैं।
ऐसे में मालिकों को विकल्प दिया गया है। एलएमवी के तहत टैक्स देना होगा जबकि वीए सिरीज के तहत टैक्स में छूट दी गयी है। ऐसे में पहले वीए सिरीज में जाने के बजाय विंटेज वाहनों के पास कोई और विकल्प नहीं होता था। इसके अलावा एचएसआरपी अनिवार्य किये जाने के कारण हमें डीलरों के पास जाने को कहा जाता था। हालांकि काफी विंटेज डीलरों का अब अस्तित्व ही नहीं बचा है। ऐसे में विंटेज वाहनों के मालिक कंफ्यूज थे वि एचएसआरपी के लिए कहां जाएं। इस कारण स्मार्ट कार्ड भी जारी होने में समस्या हो रही थी।’