Kolkata Durga Puja: जलकुंभी के रेशों से बनी दुनिया की सबसे छोटी दुर्गा प्रतिमा

Kolkata Durga Puja: जलकुंभी के रेशों से बनी दुनिया की सबसे छोटी दुर्गा प्रतिमा

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बैरकपुर : मां दुर्गा की हमेशा ही उन पर विशेष कृपा रही है। कहीं ना कहीं उन्हीं के आर्शिवाद से मिली है सूक्ष्म प्रतिमा गढ़ने की भी अद्भुत कला। यही कारण है कि प्रति वर्ष दुर्गापूजा पर पलता के कलाकार देवप्रसाद मालाकार कुछ विरल चीजों से मां दुर्गा की सूक्ष्म प्रतिमा बनाकर मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा ऐसे ही अर्पित करते हैं। इस वर्ष देवप्रसाद ने जलकुंभी के रेशों से एक इंच की दुर्गा प्रतिमा बनायी है। जो किसी सामान्य व्यक्ति को बड़े ध्यान से देखनी पड़ रही है उसे देवप्रसाद बड़ी आसानी से 10 दिनों में तैयार कर चुके हैं। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उनके यहां पहुंच रही है। देवप्रसाद मालाकार ने बताया कि उन्होंने इसके पहले, जूट, नारियल के रेशों, दियासलाई, लकड़ी, मिट्टी, कागज, बादाम के छिलकों से मां दुर्गा की सूक्ष्म प्रतिमाएं बनायी हैं। उन्होंने इंडिया आर्ट कॉलेज से पेंटिंग में प्रशिक्षण लिया है हालांकि प्रतिमा बनाना उन्होंने शौकवश शुरू किया और वे अब तक हजारों से अधिक छोटी-बड़ी व सूक्ष्म प्रतिमाएं बना चुके हैं। उन्हें राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है। देवप्रसाद मालाकार ने बताया कि उनकी इच्छा है अपनी एक अकादमी खोलने की जहां से पेंटिंग, मड आर्ट, सहित कई तरह की कला का प्रशिक्षण कला में रुचि रखने वालों को देंगे। इसके लिए उनका प्रयास जारी है। उन्होंने बताया कि उनकी बनायी गयी मूर्तियों को उन्होंने विदेश भी भेजा है। उन्होंने कहा कि लोग डि​जिटल युग में इस तरह की कला से दूर होते जा रहे हैं जबकि देखा जाये तो यह कला ही सच्ची है जिससे जुड़कर हर किसी को कहीं ना कहीं आत्मतृप्ति मिलती है। देवप्रसाद अपनी मूर्तियों की प्रदर्शनी भी लगाते हैं हालांकि उनके द्वारा तैयार की जाने वाली सूक्ष्म व विरल दुर्गामूर्ति का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है।

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