कोलकाता: कोलकाता के अलीपुर जूलॉजिकल गार्डन में एक नई पहल के तहत पक्षियों को पिंजरों से बाहर रखने का निर्णय लिया गया है। चिड़ियाघर के एवियरी सेक्शन में एक अत्याधुनिक कांच की दीवार बनाई गई है, जिसके माध्यम से पर्यटक पक्षियों को उनके खुले वातावरण में उड़ते हुए देख सकेंगे। यह कांच की दीवार नवंबर के अंत तक खुलने वाली है।
200 पक्षी और 14 प्रजातियां बनी आकर्षण का केंद्र
चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार, इस पहल से पर्यटकों को करीब 200 पक्षियों की 14 विभिन्न प्रजातियों को करीब से देखने का मौका मिलेगा। इस कांच के घेरे में घूमते हुए पर्यटक पक्षियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में उड़ते हुए देख सकेंगे। यह पहल पर्यटकों को पक्षियों के करीब लाने के उद्देश्य से की गई है। अलीपुर चिड़ियाघर के निदेशक शुभंकर सेनगुप्ता ने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि पक्षियों को पिंजरों से आजादी का एहसास दिलाया जाए। अब ये पक्षी कैदियों की तरह जीवन नहीं बिताएंगे, बल्कि अपने पंख फैलाकर खुले वातावरण में उड़ने का आनंद ले सकेंगे। इससे इंसानों को भी समझ आएगा कि पिंजरे में बंद होना कैसा लगता है।"
पर्यटकों के लिए नई सुविधा
इस नई परियोजना के तहत पर्यटकों को अलग से टिकट खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। यह परियोजना सोमवार, 25 नवंबर को पश्चिम बंगाल के माननीय वन मंत्री द्वारा उद्घाटित की जाएगी। इसके बाद यह सुरंग आम पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी।
देश का सबसे पुराना चिड़ियाघर
अलीपुर जूलॉजिकल गार्डन, जो देश का सबसे पुराना चिड़ियाघर है, 1854 में खोला गया था। तब से यह चिड़ियाघर पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण रहा है। सूत्रों के अनुसार, 2023 में लगभग 34 लाख लोगों ने इस चिड़ियाघर का दौरा किया। अधिकारियों को उम्मीद है कि इस नई परियोजना के शुरू होने के बाद चिड़ियाघर में पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी।