

नयी दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को नए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को पदभार संभालने की बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनके पद पर रहते हुए संवैधानिक मूल्यों तथा कानून के शासन में जनता का विश्वास और मजबूत होगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने देश के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने न्यायमूर्ति बीआर गवई का स्थान लिया है।
खड़गे को नये प्रधान न्यायाधीश से बड़ी उम्मीद
खड़गे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी पदोन्नति हमारी न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनके 14 महीने के कार्यकाल की शुरुआत हुई है।" उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में संवैधानिक मूल्यों, संस्थागत शक्ति और कानून के शासन में जनता का विश्वास और मजबूत होगा, जिससे प्रत्येक नागरिक के लिए न्याय का वादा आगे बढ़ेगा।"
भाजपा ने राहुल की अनुपस्थिति पर उठाया सवाल
लेकिन इधर भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शपथ समारोह में शामिल नहीं होने पर सवाल उठाया है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए राहुल पर निशाना साधा है। राहुल गांधी इससे पहले लाल किले पर आयोजित 15 अगस्त के कार्यक्रम में भी नहीं पहुंचे थे।
भंडारी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है कि भारत के नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राहुल गांधी क्यों शामिल नहीं हुए? उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि बतौर लोकसभा में विपक्ष के नेता की कार्यवाही में बादा पहुंचाने, संवैधानिक पदों के लिए होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से दूर रहने के अलावा राहुल ने बतौर विपक्ष के नेता और क्या महत्वपूर्ण काम किया है।
राष्ट्रपति ने आज दिलाई शपथ
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति सूर्यकांत को शपथ दिलाई। उन्होंने हिंदी में शपथ ली।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत को न्यायमूर्ति बी आर गवई के स्थान पर न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर नियुक्त किया गया है। न्यायमूर्ति गवई रविवार को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत को 30 अक्टूबर को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह लगभग 15 महीने तक इस पद पर रहेंगे। वह नौ फरवरी 2027 को 65 वर्ष की उम्र होने पर यह पद छोड़ देंगे।
उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेता इस समारोह में शामिल हुए। शपथ लेने के तुरंत बाद जस्टिस सूर्यकांत ने अपने पूर्ववर्ती प्रधान न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई से गर्मजोशी से गले मिलकर अभिवादन किया।