पांच साल बाद 30 जून को शुरू हो रही कैलास मानसरोवर यात्रा

इस वर्ष पांच जत्थों में कुल 250 तीर्थयात्री लिपुलेख दर्रा मार्ग से कैलास मानसरोवर की यात्रा करेंगे
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पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) : पांच साल के अंतराल के बाद 30 जून को पिथौरागढ़ जिले में लिपुलेख दर्रे के रास्ते फिर से शुरू होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा की तैयारियों की शनिवार को यहां एक बैठक में समीक्षा की गयी।

पहली बार तीर्थयात्री वाहनों से लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेंगे

पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष पांच जत्थों में कुल 250 तीर्थयात्री लिपुलेख दर्रा मार्ग से कैलास मानसरोवर की यात्रा करेंगे। प्रत्येक जत्थे में 50 तीर्थयात्री होंगे। उन्होंने कहा कि यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थयात्री वाहनों से लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेंगे। यात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा 13 से अधिक वाहनों की व्यवस्था की गयी है और दो को आरक्षित रखा गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पांच जुलाई को धारचूला आधार शिविर पहुंचेगा और अगले दिन गुंजी कैंप के लिए रवाना होगा।

तीर्थयात्रियों की पहले गुंजी में चिकित्सा जांच की जायेगी

गोस्वामी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की पहले गुंजी में चिकित्सा जांच की जायेगी, जहां उन्हें दो दिन तक रहने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की दूसरी चिकित्सा जांच तिब्बत में प्रवेश करने से पहले नाभीढांग में की जायेगी। उन्होंने कहा कि हमने गुंजी में तीर्थयात्रियों के लिए बेस अस्पताल स्तर की चिकित्सा सुविधाओं के अलावा एक चिकित्सक की भी व्यवस्था की है। हमने यात्रा के सभी शिविरों में आवास सुविधाओं को उन्नत बनाया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री तिब्बत से लौटते समय बूंदी शिविर में विश्राम करेंगे और बेरीनाग होते हुए चौकोरी, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका, जागेश्वर, अल्मोड़ा और कैंची धाम का भ्रमण करते हुए नयी दिल्ली लौटेंगे।

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