नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए यहां कृष्ण मेनन मार्ग स्थित भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के आधिकारिक आवास को खाली कराने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ वहां निर्धारित अवधि से अधिक समय से रह रहे हैं।
आवास मंत्रालय से तुरंत पूर्व सीजेआई से बंगला खाली कराने का आग्रह
सीजेआई के आधिकारिक आवास को पूर्व प्रधान न्यायाधीश से खाली कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा जाना एक दुर्लभ प्रकार का मामला है। सूत्रों ने बताया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को एक जुलाई को भेजे गये पत्र में शीर्ष न्यायालय प्रशासन ने कहा कि भारत के वर्तमान प्रधान न्यायाधीश के लिए निर्दिष्ट आवास (कृष्ण मेनन मार्ग पर बंगला नंबर 5) को खाली करा दिया जाये और उसे अदालत के आवास पूल में वापस कर दिया जाये।
सेवानिवृत्त सीजेआई अधिकतम छह महीने के लिए रख सकते हैं टाइप 7 बंगला
पत्र में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव से बिना किसी देरी के पूर्व प्रधान न्यायाधीश से बंगले का कब्जा लेने का अनुरोध किया गया है क्योंकि उन्हें आवास आवंटित किये जाने की दी गयी अनुमति न केवल 31 मई, 2025 को समाप्त हो गयी बल्कि 2022 नियमों के तहत प्रदान की गयी छह महीने की अवधि भी 10 मई 2025 को समाप्त हो गयी है। सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (संशोधन) नियम, 2022 के नियम 3बी के तहत भारत के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के बाद अधिकतम छह महीने की अवधि के लिए टाइप 7 बंगला रख सकते हैं।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ पद छोड़ने के लगभग 8 महीने बाद भी सीजेआई आवास में
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, जिन्होंने नवंबर 2022 और नवंबर 2024 के बीच 50वें सीजेआई के रूप में कार्य किया है, पद छोड़ने के लगभग आठ महीने बाद भी भारत के प्रधान न्यायाधीश के आधिकारिक आवास पर रह रहे हैं। पिछले साल 18 दिसंबर को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उन्हें 30 अप्रैल, 2025 तक 5, कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास में रहने की अनुमति दी जाये। उन्होंने कहा था कि हालांकि उन्हें 2022 के नियमों के अनुसार तुगलक रोड पर बंगला नंबर 14 आवंटित किया गया है लेकिन नये आवास पर नवीनीकरण का काम हो रहा है।
तत्कालीन सीजेआई खन्ना ने दी थी आवास में रहने की सशर्त मंजूरी
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश खन्ना ने इसे अपनी मंजूरी दी, जिसके बाद आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को कृष्ण मेनन मार्ग स्थित टाइप 8 बंगले को 11 दिसंबर 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक लगभग 5,000 रुपये प्रति माह लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर अपने पास रखने की मंजूरी दे दी। इसके बाद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश खन्ना से 31 मई 2025 तक उसी आवास में निवास करते रहने का मौखिक अनुरोध किया जिसे तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश ने इस शर्त के साथ मंजूरी दे दी कि आगे कोई विस्तार नहीं दिया जायेगा क्योंकि अन्यथा कई नये न्यायाधीशों को अतिथि गृह में रहना होगा या राष्ट्रीय राजधानी में आवास की वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।
पत्र में समय-सीमा और कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन की ओर इशारा
शीर्ष न्यायालय प्रशासन के एक जुलाई के पत्र में समय-सीमा और कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन की ओर इशारा किया गया है तथा कहा गया है कि कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास को ‘विशेष परिस्थितियों’ के कारण अनुमति दी गयी थी तथा यह सहमति बनी थी कि मई के अंत तक सहमति से विस्तार दिये जाने के बाद इसे खाली कर दिया जायेगा।