जस्टिस बागची बने सुप्रीम कोर्ट के 33वें जज, 2031 में बन जाएंगे प्रधान न्यायाधीश

2031 में बनेंगे प्रधान न्यायाधीश
जस्टिस बागची बने सुप्रीम कोर्ट के 33वें जज, 2031 में बन जाएंगे प्रधान न्यायाधीश
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नई दिल्ली - मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायाधीश जॉयमाला बागची को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। यह शपथ ग्रहण समारोह सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश भी मौजूद थे।

जस्टिस जॉयमाला बागची के सुप्रीम कोर्ट में शामिल होने के साथ ही अब शीर्ष अदालत में कुल 33 न्यायाधीश हो गए हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 34 है, यानी फिलहाल एक पद रिक्त है। बता दें कि जस्टिस बागची का कार्यकाल छह साल से अधिक होगा और इस अवधि के दौरान वह मुख्य न्यायाधीश (CJI) का पदभार भी संभालेंगी।

10 मार्च को केंद्र सरकार ने दी थी मंजूरी

केंद्र सरकार ने 10 मार्च को न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इससे पहले, 6 मार्च को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश की थी। इस कॉलेजियम में जस्टिस बी. आर. गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस विक्रम नाथ भी शामिल थे।

कॉलेजियम ने क्या कहा ?

कॉलेजियम ने उल्लेख किया था कि 18 जुलाई 2013 को न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर की सेवानिवृत्ति के बाद से कलकत्ता हाई कोर्ट से कोई भी न्यायाधीश भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) के पद पर नहीं पहुंचा है। जस्टिस जॉयमाला बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में, 4 जनवरी 2021 को उनका तबादला आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में कर दिया गया। हालांकि, 8 नवंबर 2021 को उन्हें दोबारा कलकत्ता हाई कोर्ट भेज दिया गया, जहां से उन्होंने कार्य जारी रखा। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उन्होंने 13 वर्षों से अधिक समय तक सेवा दी है।

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