जेईआरसी ने अंडमान के लिए संशोधित बिजली खुदरा दरों को दी मंजूरी

वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक नई टैरिफ संरचना लागू
जेईआरसी ने अंडमान के लिए संशोधित बिजली खुदरा दरों को दी मंजूरी
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सन्मार्ग संवाददता

श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के विद्युत विभाग ने सभी उपभोक्ताओं और आम जनता को सूचित किया है कि संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (JERC) ने चौथे नियंत्रण काल, यानी वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक के लिए खुदरा बिजली दरों को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह मंजूरी याचिका संख्या 151/2025 के तहत 28 अक्टूबर 2025 को पारित टैरिफ आदेश के माध्यम से दी गई है, और इसे 1 नवंबर 2025 से प्रभावी कर दिया गया है।जेईआरसी ने दिसंबर 2024 में जारी नए दिशा-निर्देशों के आधार पर अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में बिजली दर संरचना और उसकी लागू प्रक्रिया में संशोधन किया है। इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता श्रेणियों और उप-श्रेणियों को सरल और एकरूप बनाकर खुदरा टैरिफ ढांचे को अधिक युक्तिसंगत और पारदर्शी बनाना है। संशोधित टैरिफ ढांचा उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत, अनुबंधित भार, वोल्टेज स्तर, उपयोग और आपूर्ति की शर्तों के आधार पर वर्गीकृत करता है। इसके अलावा इसमें अन्य शुल्क और सेवा शर्तों को भी शामिल किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं के लिए बिलिंग प्रक्रिया और दर संरचना स्पष्ट और समझने योग्य हो।जेईआरसी ने अपने आदेश में कहा है कि नया टैरिफ ढांचा विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों—जैसे घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सरकारी और सार्वजनिक उपयोग—के लिए लागू होगा। यह नया ढांचा उपभोक्ताओं के लिए बिजली की खपत और लागत का अधिक स्पष्ट और निष्पक्ष अनुमान लगाने में मदद करेगा।

अधिकारियों ने बताया कि स्वीकृत टैरिफ आदेश जेईआरसी की आधिकारिक वेबसाइट और अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के विद्युत विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उपभोक्ता अपनी श्रेणी के अनुसार दर और शुल्क की जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं। विद्युत विभाग ने जनता से अपील की है कि वे नए टैरिफ आदेश के अनुसार अपनी खपत और बिलिंग की जानकारी ध्यान से देखें। विभाग ने यह भी कहा कि नया टैरिफ ढांचा बिजली वितरण की गुणवत्ता और सेवा में सुधार लाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा। कुल मिलाकर, चौथे नियंत्रण काल के लिए जेईआरसी द्वारा अनुमोदित संशोधित बिजली दरें अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के सभी उपभोक्ताओं के लिए लागू हो गई हैं। यह कदम उपभोक्ताओं की सुविधा, दर संरचना की स्पष्टता और विद्युत विभाग की सेवा गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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