कर्नाटक में परीक्षा केंद्र पर छात्रों से जनेऊ उतारने के लिए कहे जाने पर मचा विवाद

जनेऊ पहने प्रवेश न करने देने पर छात्र को पेपर दिये बिना ही घर लौटना पड़ा
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परीक्षा से पहले छात्रों की तलाशी!
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बेंगलुरू : कर्नाटक के बीदर और शिवमोगा जिलों के केंद्रों पर सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के लिए परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से पहले कुछ छात्रों को जनेऊ (यज्ञोपवीत) और हाथों में बंधे कलावे को उतारने के लिए कहा गया, जिससे विवाद पैदा हो गया। इसकी वजह से बीदर में एक छात्र को गुरुवार सुबह पेपर दिये बिना ही घर लौटना पड़ा।

हालांकि दोपहर को दूसरे पेपर में अनुमति दे दी गयी

अधिकारियों के अनुसार बीदर में एक छात्र को गुरुवार सुबह गणित का पेपर दिये बिना ही घर लौटना पड़ा क्योंकि साईं स्फूर्ति कॉलेज में परीक्षा केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी ने उससे परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले जनेऊ ‘उतारने’ को कहा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छात्र ने स्टाफ (तलाशी दल में शामिल पुलिस कर्मियों) से गुहार लगायी कि उसे केंद्र में जाने दिया जाये क्योंकि जनेऊ पहनने से उसके किसी कदाचार में शामिल होने की गुंजाइश नहीं है हालांकि स्टाफ ने उसे यह कहते हुए प्रवेश नहीं दिया कि इससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि बाद में (गुरुवार) दोपहर को उसको जनेऊ पहनकर जीव विज्ञान की परीक्षा देने की अनुमति दे दी गयी।

एक दिन पहले जनेऊ पहनकर फिजिक्स और केमिस्ट्री की परीक्षा दी थी !

अधिकारियों ने बताया कि इसी छात्र ने एक दिन पहले बिना किसी समस्या के जनेऊ पहनकर भौतिकी और रसायन विज्ञान की परीक्षा भी दी थी। बीदर में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में परीक्षा देने से चूके छात्र ने कहा कि कॉलेज प्रबंधन और पुलिस जैसे दिखने वाले तीन लोगों ने मुझसे जनेऊ उतारकर आने को कहा। उन्होंने मुझसे कहा कि इसके बाद ही मुझे पेपर देने की अनुमति दी जायेगी। छात्र ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय में जनेऊ हटाने की अनुमति नहीं है और मुझे भौतिकी व रसायन विज्ञान के पेपर के लिए अनुमति दी गयी थी, गणित के पेपर के लिए ऐसा प्रतिबंध क्यों था।

मामले की जांच शुरू

बीदर की उपायुक्त शिल्पा शर्मा ने बताया कि उक्त केंद्र के मुख्य परीक्षक से जवाब तलब किया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। राज्य के उच्च शिक्षामंत्री एम सी सुधाकर ने कहा कि मैं एक विस्तृत रिपोर्ट मंगाऊंगा, जिसके आधार पर यह तय किया जायेगा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार क्या कार्रवाई की जाये।

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