नयी दिल्ली : विदेशमंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय मामलों में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से से इनकार करते हुए फिर कहा है कि दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष समाप्त करने को लेकर सहमति दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ समाप्त नहीं हुआ, हमला होने पर तुरंत मिलेगा जवाब
जयशंकर ने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे की पृष्ठभूमि में कही है कि वाशिंगटन ने सहमति बनाने में भूमिका निभायी थी। विदेशमंत्री ने यह भी कहा कि भारत भविष्य में पहलगाम जैसे किसी भी आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकियों पर फिर से हमला करेगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ समाप्त नहीं हुआ है। नीदरलैंड के प्रसारक ‘एनओएस’ को दिये एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि सरकार इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है कि यदि ऐसा कोई हमला होता है, तो जवाब दिया जायेगा। जयशंकर नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी के दौरे के तहत नीदरलैंड के हेग शहर में थे।
22 अप्रैल जैसी हरकतें फिर होती हैं तो जवाब दिया जायेगा
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी रखे जाने में में एक स्पष्ट संदेश है कि अगर 22 अप्रैल जैसी हरकतें फिर होती हैं तो इनका जवाब दिया जायेगा, हम आतंकियों पर हमला करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आतंकी पाकिस्तान में हैं, तो हम उनपर वहीं प्रहार करेंगे, जहां वे हैं। विदेशमंत्री ने साथ ही कहा कि लेकिन ऑपरेशन जारी रखना एक-दूसरे पर गोलीबारी करने के समान नहीं है। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत छह और सात मई की दरम्यानी रात आतंकियों के नौ ठिकानों पर सटीक हमले किये थे। भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। पाकिस्तानी प्रयासों का भारतीय पक्ष ने कड़ाई से जवाब दिया।
दो देशों के संघर्ष में अन्य देशों का चिंता जताना स्वाभाविक
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान भूमि, वायु और समुद्र पर सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमत हो गये हैं। जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि टकराव समाप्त करने की व्यवस्था पर भारत और पाकिस्तान दोनों ने मुहर लगायी। उन्होंने कहा कि जब दो देश संघर्ष में उलझे होते हैं, तो यह स्वाभाविक है कि दुनिया के देश एक-दूसरे को फोन करके अपनी चिंता जताने की कोशिश करते हैं लेकिन गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि हमने हमसे बात करने वाले सभी लोगों को एक बात बहुत स्पष्ट कर दी थी, न केवल अमेरिका बल्कि सभी को, कि अगर पाकिस्तानियों को लड़ाई बंद करनी है, तो उन्हें हमें बताना होगा। हमें उनसे यह सुनना है। उनके जनरल को हमारे जनरल को फोन करके यह कहना होगा। और यही हुआ।
‘बर्बर’ था 22 अप्रैल का पहलगाम हमला
जयशंकर ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले को ‘बर्बर’ बताया और कहा कि आतंकियों ने ‘धार्मिक मतभेद’ पैदा करने के उद्देश्य से निर्दोष नागरिकों का ‘धर्म’ जानने के बाद उनके परिवारों के सामने उनकी ‘हत्या’ की। उन्होंने कहा कि यह जरूरी था कि हम प्रतिक्रिया दें क्योंकि ऐसी स्थिति में प्रतिक्रिया नहीं देना असंभव था। जयशंकर ने कहा कि भारत, पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाये गये कश्मीर के हिस्से को नयी दिल्ली को वापस करने तथा आतंकवाद के मुद्दे पर उसके साथ बातचीत करने को तैयार है।