2008 जयपुर सीरियल ब्लास्ट : जिंदा बम बरामदगी मामले में 17 साल बाद 4 को उम्रकैद

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चारों दोषियों को सजा सुनाये जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया
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जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर की विशेष अदालत ने शहर में 2008 में हुए सिलसिलेवार धमाकों से जुड़े एक मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी है।

12 मिनट के भीतर सिलसिलेवार आठ बम विस्फोट हुए थे

यह मामला 13 मई, 2008 को चांदपोल में बम बरामदगी से संबंधित है। इस बम को सुरक्षा दस्तों ने निष्क्रिय कर दिया था। उस रात जयपुर शहर में 12 मिनट के भीतर सिलसिलेवार आठ बम विस्फोट हुए थे, नौवां बम चांदपोल बाजार के पास से बरामद कर लिया गया था। ये बम विस्फोट जयपुर के माणक चौक खंदा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर हुए थे।

71 लोगों की जान चली गयी थी और 180 अन्य घायल हुए थे

इन धमाकों में 71 लोगों की जान चली गयी थी और 180 अन्य लोग घायल हो गये थे। विशेष अदालत ने चार अप्रैल को इस मामले में चार अभियुक्तों- सरवर आजमी, शाहबाज, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ - को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था।

सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी

दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को मौत की सजा सुनायी थी और पांचवें अभियुक्त शाहबाज को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। निचली अदालत ने जिन लोगों को सजा सुनाई थी, उन्होंने निचली अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी और उच्च न्यायालय के एक खंडपीठ ने 29 मार्च, 2023 को मौत की सजा पाये चारों को बरी कर दिया । उच्च न्यायालय ने इसके अलावा शाहबाज को बरी करने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की।

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