हैदराबाद : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी की 27.5 करोड़ रुपये के शेयर अस्थायी रूप से जब्त किये हैं। यह कार्रवाई धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के 14 साल पुराने मामले में की गयी है। जिसमें ‘क्विड प्रो क्वो’ (कुछ पाने के बदले कुछ देना) निवेश होने के आरोप हैं।
जगन की तीन कंपनियों में निवेश को जब्त किया
ईडी की हैदराबाद टीम ने जगन की तीन कंपनियों कार्मेल एशिया होल्डिंग्स, सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और हर्षा फर्म में निवेश को जब्त किया है। इसके अलावा डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड (डीसीबीएल) की करीब 377.2 करोड़ रुपये की जमीन भी जब्त की गयी है। डीसीबीएल के मुताबिक, यह जमीन 793.3 करोड़ रुपये की है।
मामला 2011 में सीबआई द्वारा दर्ज केस से जुड़ा
यह मामला 2011 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबआई) द्वारा दर्ज किये गये केस से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि डीसीबीएल ने रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड (जगन रेड्डी से जुड़ी कंपनी) में 95 करोड़ रुपये निवेश किये थे। इसके बदले में जगन ने अपने पिता, तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के प्रभाव का इस्तेमाल कर डीसीबीएल को आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में 407 हेक्टेयर की खनन लीज दिलायी थी।
सीबआई ने 2013 में दायर किया था आरोपपत्र
सीबआई ने 2013 में जगन, डीसीबीएल और अन्य के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोप यह भी है कि जगन, उनके ऑडिटर और पूर्व सांसद वी विजय साई रेड्डी और डीसीबीएल के पुनीत डालमिया ने मिलकर रघुराम सीमेंट के शेयर एक फ्रेंच कंपनी पीएआरएफआईसीआईएम को 135 करोड़ में बेचे थे। इसमें से 55 करोड़ रुपये जगन को हवाला के जरिए नकद में दिये गये थे, जो मई 2010 से जून 2011 के बीच दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग की रेड में मिले दस्तावेजों से सामने आये।