
कोलकाता: महानगर के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रथयात्रा उत्सव के शुभ अवसर पर इस बार एक अनोखी परंपरा ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। इस्कॉन ने आरती की एक नई विधा की शुरुआत की, जिसे 'डिजिटल आरती' नाम दिया गया है। गुरुवार को जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरती और दर्शन के बाद रथयात्रा समारोह स्थल से रवाना हुईं उसके बाद हजारों भक्त प्रभु जगन्नाथ के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए रथ यात्रा पंडाल 'नीलगिरि' में एकत्रित हुए। समारोह के दौरान, जब भक्तों की भारी भीड़ जमी और समय एवं सुरक्षा व्यवस्था बड़ी चुनौती बन रही थी, तभी इस्कॉन के एक संन्यासी ने मंच से सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि यह आरती का समय है और सभी को इसमें भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा, सभी श्रद्धालु अपने-अपने मोबाइल फोन निकालें, भगवान जगन्नाथ की एक तस्वीर लें और फिर उस फोन को सिर के ऊपर 21 बार घुमाते हुए 'जय जगन्नाथ' का जयघोष करें और भक्तों ने भी खुशी-खुशी ऐसा ही किया। इस 'डिजिटल आरती' ने न केवल समय और भीड़ के प्रबंधन में मदद की, बल्कि भक्तों को भी एक अनोखे अनुभव से जोड़ा। बच्चे, युवा और वृद्ध, सभी ने खुशी-खुशी इस आधुनिक आरती में भाग लिया। कई श्रद्धालुओं ने इसे आध्यात्मिकता और तकनीक का सुंदर संगम बताया। इस्कॉन के संन्यासी अनिंद्य बंधु दास ने कहा, इस पहल का उद्देश्य परंपरा को बनाए रखते हुए भी समय के साथ चलना है। डिजिटल आरती की यह विधा लोगों के बीच इतनी लोकप्रिय हो गयी कि कई भक्तों ने इसे सोशल मीडिया पर भी साझा किया। रथयात्रा के इस रंग-बिरंगे आयोजन में डिजिटल आरती एक नई परंपरा की तरह उभरी, जिसने आस्था और तकनीक के मेल को जीवंत कर दिया।