

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से कथित रूप से जुड़े एक व्यक्ति को जमानत देने से मंगलवार को यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उस पर देश में आतंक का घेरा बनाने के प्रयास का आरोप है। दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के एक दिन बाद हुई सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि यह संदेश भेजने के लिए सबसे अच्छा समय है। पीठ आरोपी सैयद मामूर अली द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें जमानत देने से इनकार करने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जनवरी के आदेश को चुनौती दी गई थी।
2023 में गिरफ्तार किया गया था मामूर अली
मामूर अली को मई 2023 में इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसकी जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने की थी।70 प्रतिशत दिव्यांग मामूर अली ने ISIS जैसा ही एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। बताया जाता है कि अली और उसके ग्रुप के सदस्य जाकिर नाइक के फॉलोअर थे। आरोप है कि मामूर अली ने अन्य लोगों के साथ मिलकर जबलपुर में एक आयुध कारखाने पर हमला करने की साजिश रची थी ताकि ISIS की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में हथियार जुटाए जा सकें।