बंगला बोलना मजदूरों का कसूर है ?

ओडिशा में प्रवासी श्रमिक अवैध हिरासत में : तृणमूल
बंगला बोलना मजदूरों का कसूर है ?
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कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा शासित ओडिशा सरकार ने अवैध प्रवासियों की पहचान करने के बहाने बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों को अवैध रूप से हिरासत में लिया जबकि उनके पास वैध दस्तावेज थे। पार्टी ने हिरासत में लिये मजदूरों की तत्काल रिहाई की मांग की और चेतावनी दी कि अगर इस तरह का ‘लक्षित उत्पीड़न’ जारी रहा तो एक बड़ा राजनीतिक आंदोलन किया जाएगा। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और राज्यसभा सदस्य समीरुल इस्लाम ने सोशल मीडिया पर एक बयान में ये आरोप लगाये और इस घटना की निंदा की थी। महुआ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, नदिया के 23 मजदूरों को झारसुगुड़ा में अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है। मैं ओड़िशा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से आग्रह करती हूं कि उन्हें तुरंत रिहा करें। उन्होंने दावा किया कि ओडिशा में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) के 24 वर्ष के शासनकाल के दौरान ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुईं। महुआ ने कहा, “ऐसा मत सोचिए कि इन मजदूरों के लिए लड़ने वाला कोई नहीं है।”एक अन्य पोस्ट में कहा कि ये 23 मजदूर उनके निर्वाचन क्षेत्र के पानीघाटा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले मिर्जापुर गांव के हैं। सांसद ने आरोप लगाया, “सभी दस्तावेजों के बावजूद इन मजदूरों को ओडिशा के झारसुगुड़ा के ओरिएंट थाने द्वारा स्थापित पूछताछ केंद्र में 421 अन्य बंगाली मजदूरों के साथ अवैध रूप से हिरासत में रखा जा रहा है।”

200 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को पूछताछ केंद्रों में रखा है

टीएमसी नेताओं के अनुसार, हाल के सप्ताह में ओडिशा पुलिस ने 200 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को बांग्लादेशी होने के संदेह में झारसुगुड़ा जिले के पूछताछ केंद्रों में रखा है और ये मजदूर नादिया, मुर्शिदाबाद, मालदा, बीरभूम, पूर्व बर्दवान और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों के रहने वाले हैं। टीएमसी के राज्यसभा सदस्य समीरुल इस्लाम ने आरोप लगाया कि ये कार्रवाई मजदूरों की भाषा और उनके मूल आधार को देखते हुए ‘जानबूझकर उत्पीड़न किये जाने’ का एक हिस्सा है। इस्लाम ने कहा, “ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में एक बार फिर बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों पर अत्याचार जारी है। उन्होंने पूछा, “उन मजदूरों का क्या कसूर है? क्या वे बंगाली बोलते हैं? नरेन्द्र मोदी (प्रधानमंत्री) और अमित शाह (गृह मंत्री) को इन बेचारे बंगालियों से क्या शिकायत है?”इस्लाम ने पोस्ट में दावा किया कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इन बंगाली भाषी लोगों की दुर्दशा पर ध्यान देने को लेकर जरा भी चिंतित नहीं है।

पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु लाल ने आरोप पर प्रतिक्रिया दी

उत्तरी रेंज (संबलपुर) के पुलिस महानिरीक्षक हिमांशु लाल ने आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि इस मुद्दे पर लोगों की चिंता को समझा जा सकता है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया, “राष्ट्रीय हित व सुरक्षा सर्वोपरि है इसलिए इससे समझौता नहीं किया जा सकता। जिन लोगों से पूछताछ की जांच की जा रही है, उनके पास अपने निवास या नागरिकता को प्रमाणित करने के लिए वैध दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए एक गहन सत्यापन प्रक्रिया आवश्यक है।” लाल ने बताया कि सत्यापन योग्य दस्तावेजों के बिना यह पुष्टि करने के लिए रिकॉर्ड की दोबारा जांच करना अनिवार्य है कि व्यक्ति भारतीय नागरिक हैं या विदेशी नागरिक। अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त जांच दल के माध्यम से सत्यापन का कार्य सावधानीपूर्वक किया जा रहा है और इसमें कई स्तरों पर जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी भारतीय नागरिक को गलत तरीके से न हिरासत में लिया जाए और न ही परेशान किया जाए।

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