कोलकाता : कोई साधारण मिठाई नहीं, बल्कि दीघा जगन्नाथ धाम का महाप्रसाद ही राज्य के हर घर में भेजा जाएगा। सभी धर्म, जाति और राष्ट्र के लोग इस महाप्रसाद को ग्रहण करेंगे। हर प्रसाद में भगवान जगन्नाथ को समर्पित खोवा खीर मिलाई जाएगी। पहली किस्त में खोवा भगवान जगन्नाथ को दीघा में चढ़ाया जाएगा और फिर उन जिलों में वितरित किया जाएगा जहां खोवे से मिठाई बनाई जाती है। इसके साथ मंदिर की तस्वीर भी होगी। शुक्रवार की शाम को राज्य के सूचना एवं संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन ने कुछ इस तरह दीघा जगन्नाथ धाम महाप्रसाद विवाद पर राज्य सरकार का रुख स्पष्ट किया।
ममता बनर्जी कभी भी धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति में विश्वास नहीं करतीं
दीघा जगन्नाथ धाम के महाप्रसाद को लेकर बंगाल की राजनीति गरमायी हुई है। शुक्रवार की सुबह से ही इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई थी, जो इस कदर बढ़ गया कि राज्य के सूचना और संस्कृति राज्य मंत्री को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी। पत्रकार सम्मेलन में इंद्रनील सेन ने स्पष्ट रूप से कहा कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा जगन्नाथ महाप्रसाद को लेकर किया गया दावा पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा, प्रभु जगन्नाथ का महाप्रसाद सिर्फ हिन्दू घरों में भेजा जाएगा – ऐसा कोई भी सर्कुलर राज्य सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर कुछ मीडिया में जो खबरें चल रही हैं, उनमें भी कोई सच्चाई नहीं है। इंद्रनील ने कहा, हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कभी भी धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति में विश्वास नहीं करतीं। वह हमेशा कहती हैं कि लोग भले अलग-अलग धर्मों को मानते हों, लेकिन उत्सव सबको एक सूत्र में बाँधता है। इसी भावना से दीघा के जगन्नाथ मंदिर का महाप्रसाद राज्य के हर घर तक पहुंचाया जाएगा, चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो।
रथयात्रा से पहले ही राज्य के हर घर में जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद पहुंचा दिया जाएगा
उन्होंने आगे कहा, कुछ राजनीतिक नेताओं के जरिए ऐसे बयान फैलाए जा रहे हैं ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके। मैं स्वयं एक हिन्दू हूं और पूरे हिन्दू समुदाय की ओर से इस तरह के भड़काऊ बयान की कड़ी निंदा करता हूं। मंत्री ने बताया, दीघा के जगन्नाथ मंदिर का निर्माण मुख्यमंत्री का एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है, जिसे महज ढाई साल में पूरा किया गया। उन्होंने राज्य में उत्तर से दक्षिण तक सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार का काम किया है, यह इस बात का प्रमाण है कि वह सभी धर्मों का आदर करती हैं। मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि रथयात्रा से पहले ही राज्य के हर घर में दीघा जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद पहुंचा दिया जाएगा। एक छोटे से डिब्बे में मंदिर की तस्वीर होगी और साथ में गाजा व पेड़ा के रूप में भगवान जगन्नाथ का प्रसाद होगा। 17 जून से पूरे राज्य में इस महाप्रसाद का वितरण शुरू हो जाएगा।