नई दिल्ली : आगामी 17 अक्टूबर को नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के सेंटर से भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए अपनी पहली उड़ान भरेगा। तेजस के इस एडवांस वर्जन को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रवाना करेंगे। बताया जा रहा है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस दिन हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर की दूसरी प्रोडक्शन लाइन और तेजस-Mk1A की तीसरी उत्पादन लाइन का भी उद्घाटन करेंगे। एलसीए मार्क-1ए भारतीय वायुसेना में कब तक शामिल हो पाएगा, फिलहाल इसकी तारीख का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन एचएएल का लक्ष्य है कि अगले 4 साल में वह वायुसेना को 83 मार्क-1ए फाइटर्स की डिलीवरी पूरी कर दे। अमेरिकी इंजन आने में देरी की वजह से यह प्रोग्राम पहले ही डेढ़-दो साल की देरी से चल रहा है। इसे लेकर वायुसेना प्रमुख सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी भी जता चुके हैं। एक सच्चाई ये भी है कि मिग-21 के 2 स्क्वाड्रन रिटायर होने के बाद वायुसेना के पास अब महज 29 स्क्वाड्रन ही बचे हैं जबकि चुनौतियां पहले की तुलना में कई गुना बढ़ गई हैं।
इसकी खूबियां : तेजस मार्क-1ए देश में बनाए गए लाइट कॉम्बेट एयरकाफ्ट का एडवांस वर्जन है। यह एक चौथी पीढ़ी का मल्टी रोल लड़ाकू विमान है, जो काफी हल्का और ताकतवर कॉम्बैट विमान है। तेजस 8 से 9 टन भार के हथियार लेकर जा सकता है। एक साथ कई लक्ष्य को भेद सकता है। यह विमान इलेक्ट्रानिक रडार, नजरों से परे यानी बियॉन्ड विज़ुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रानिक वॉरफेयर सूट और हवा से हवा में ईंधन भरने जैसी क्षमताओं से लैस है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका निर्माण देश में ही होने के कारण अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें बदलाव किया जा सकता है। इसके लिए किसी और से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही स्वदेशी उद्योग को भी इससे फायदा होता है। विमान की यह उड़ान देश की विमानन तकनीक, इंजीनियरिंग दक्षता और स्वदेशी रक्षा उद्योग की निरंतर प्रगति का प्रमाण है। यह कदम भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।