India खुद बना रहा 5वीं पीढ़ी का उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान

एएमसीए परियोजना पर काम जारी, रूस भी कर चुका पेशकश
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बेंगलुरू : भारत खुद के 5वीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) बनाने की परियोजना पर काम कर रहा है, जो 2-3 साल में पूरा हो जायेगी। रूस भी भारत को यह लड़ाकू जेट बेचने की पेशकश कर चुका है।

साझा उत्पादन भी करेंगे भारत-रूस
रूसी हथियार कंपनी ने बेंगलुरू एअर शो में कहा कि विमान की आपूर्ति के अलावा हम भारत में इसका साझा उत्पादन भी करेंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि इस साल से अमेरिका भारत को कई अरब डॉलर के सैन्य उपकरण बेचेगा।

एफ-35 विमान मिलने का भी रास्ता साफ करेगा

साथ ही एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स देने का भी मार्ग प्रशस्त करेगा। ट्रम्प ने भले ही भारत को एफ-35 विमान देने की पेशकश कर दी हो लेकिन इस सौदे को पटरी पर लाना आसान नहीं होगा। अमेरिका को इस के लिए अपनी संसद (कांग्रेस) से मंजूरी लेनी होगी, फिर भारत लागत पर विचार करेगा।

एचएएल तैयार करेगा एएमसीए
केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) ने अप्रैल, 2024 में पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू जेट के डिजाइन और विकास के लिए 15 हजार करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी थी। इस विमान का नाम ‘उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एडवांस्ड मुडियम कॉम्बेट एअरक्राफ्ट)’ यानी एएमसीए है। इसका विनिर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा किया जाना है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) इस कार्यक्रम को क्रियान्वित और विमान को डिजाइन करने के लिए नोडल एजेंसी है। एडीए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत आता है।

वायुसेना के अन्य विमानों से बड़ा होगा

यह भारतीय वायुसेना के अन्य लड़ाकू विमानों से बड़ा होगा। इसमें दुश्मन के रडार से बचने के लिए उन्नत स्टील्थ विशेषताएं होंगी। यह वैश्विक स्तर पर उपयोग में आने वाले पांचवीं पीढ़ी के अन्य स्टील्थ लड़ाकू विमानों के जैसा या उससे भी बेहतर होगा।

एफ-35 दुनिया का सबसे महंगा लड़ाकू विमान
एफ-35 भी पांचवीं पीठ़ी का लड़ाकू विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन ने विकसित किया है। इसको 2006 से बनाना शुरू किया गया था और 2015 से यह अमेरिकी वायुसेना का एक अहम हिस्सा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के इतिहास में सबसे महंगा विमान एफ-35 ही है। अमेरिका एक एफ-35 फाइटर प्लेन पर 82.5 मिलियन डॉलर (करीब 715 करोड़ रुपये) खर्च करता है।

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