हिंदी समेत चार भाषाओं के साहित्यकारों को पुरस्कृत करेगी भारतीय भाषा परिषद

एक मई को अपनी स्वर्ण जयंती पर करेगी पुरस्कार समारोह का आयोजन
हिंदी समेत चार भाषाओं के साहित्यकारों को पुरस्कृत करेगी भारतीय भाषा परिषद
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कोलकाता . भारतीय भाषा परिषद अपनी स्वर्ण जयंती पर गुजराती, तमिल, बांग्ला और हिंदी के चार शीर्षस्थ साहित्यकारों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। पुरस्कार समारोह का आयोजन पहली मई को किया गया है। यह जानकारी परिषद के निदेशक डॉ. शंभुनाथ ने सोमवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि भारतीय भाषा परिषद 1 मई को दोपहर 3 बजे अपने स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी स्वर्ण जयंती मना रही है। इसमें पुरस्कार समारोह तथा भारतीयता की अंतर्दृष्टि विषय पर देश के प्रसिद्ध लेखकों से पाठकों के संवाद का आयोजन भी शामिल है।

पुरस्कार समारोह में गुजराती, तमिल, बांग्ला तथा हिंदी के चार शीर्षस्थ साहित्यकारों में से प्रत्येक को 1 लाख की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इनके अलावा असमिया, उर्दू, तेलुगु और हिंदी के चार युवा साहित्यकारों को भी सम्मानित किया जाएगा। इनमें से प्रत्येक को 51 हजार की राशि प्रदान की जाएगी। ये पुरस्कार पिछले तीन दशकों से भारतीय भाषाओं के बीच प्रेम, परस्पर सहयोग और साहित्यिक उत्कर्ष के लिए दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिषद पिछले 31 सालों से हिंदी के साहित्यिक मासिकों में से एक 'वागर्थ' पत्रिका का नियमित प्रकाशन कर रही है।

परिषद ने 7 खंडों में 'हिंदी साहित्य ज्ञानकोश' का भी प्रकाशन किया है जो कालेज-विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के अलावा अन्य जिज्ञासुओं के लिए भी उपयोगी है। इस मौके पर परिषद की पिछले 50 सालों की यात्रा पर एक पुस्तिका 'स्मृति और अंतर्दृष्टि' का लोकार्पण भी किया गया। इस मौके पर परिषद के वित्त मंत्री घनश्याम सुगला और कार्यकारिणी सदस्य आशीष झुनझुनवाला भी मौजूद थे।

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