मुस्लिम देशों में भारत का संदेश पहुंचा रहा भारतीय प्रतिनिधिमंडल

भारतीय प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर में 33 राजधानियों की कर रहा है यात्रा
मुस्लिम देशों में भारत का संदेश पहुंचा रहा भारतीय प्रतिनिधिमंडल
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मनामा (बहरीन) : भारत के कूटनीतिक प्रयासों के तहत सात प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के देशों की 33 राजधानियों की यात्रा कर रहे हैं ताकि विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आतंकवाद को लेकर भारत की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की मंशा के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी बात रखी जा सके। भारत मुस्लिम जगत को यह बताना चाहता है कि यह महज दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं है बल्कि वैश्विक आतंकवाद की बड़ी चुनौती का हिस्सा है।

भारत मुस्लिम बहुल देशों को यह बात समझाने की कोशिश कर रहा है कि सिर्फ इसलिए कि पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है, उसे भारत के खिलाफ उसके कृत्यों के लिए दोषमुक्त नहीं किया सकता। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम एशिया के देशों में प्रमुख सरकारी और राजनीतिक हस्तियों के साथ बातचीत कर रहा है और विमर्श को आकार देने के लिए भारतीय प्रवासियों से जुड़ने का भी ठोस प्रयास कर रहा है।

पांडा ने बहरीन में भारतीय दूतावास में एक सभा को संबोधित करने के बाद कहा, ‘भारतीय प्रवासी सबसे प्रभावशाली समुदायों में से एक बन गए हैं, वे भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम उन्हें कुछ बिंदुओं के बारे में समझाना चाहते हैं ताकि वे उन्हें आगे बढ़ाने में मदद कर सकें।’ बहरीन में करीब 3.5 लाख भारतीय रहते हैं, जबकि इस देश में रहने और काम करने वाले पाकिस्तानियों की संख्या इससे लगभग आधी है।

पांडा ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम केवल दो मुद्दों पर बातचीत करेंगे क्योंकि उन्होंने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। जब हम स्वतंत्र हुए, तो अलग-अलग हिस्से अलग-अलग देशों पाकिस्तान, भारत के पास गए और अंग्रेजों ने एक व्यवस्था बनायी। उस प्रणाली के तहत जम्मू कश्मीर ने हस्ताक्षर किए और हमारे पास आ गया। पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। हम तब से बातचीत कर रहे हैं। युद्ध और बातचीत तथा युद्ध और आतंकवादी हमले... इसलिए, हम पाकिस्तान के साथ केवल दो मुद्दों पर बातचीत करेंगे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी और आतंकवाद को रोकना। उन्हें उन आतंकवादियों पर कार्रवाई करनी होगी जो उनकी धरती से खुलेआम काम कर रहे हैं।’

इन बातचीत और बैठकों के माध्यम से प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य भारत के परिप्रेक्ष्य के बारे में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के प्रमुख सदस्यों के विचारों को आकार देना भी है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘हम पूरी स्पष्टता के साथ बता रहे हैं कि कौन अपने देशों में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है। आजादी के बाद भारत की मुस्लिम आबादी नौ प्रतिशत या 10 प्रतिशत थी। अब यह लगभग 20 प्रतिशत है तथा दूसरी ओर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी 13 प्रतिशत थी और अब यह एक प्रतिशत है। पाकिस्तान अपने अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार कर रहा है और आतंकवाद के जरिए भारत को भी प्रभावित कर रहा है।’

पांडा, ओवैसी और दुबे के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रेखा शर्मा भी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में शामिल हैं।

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