वैश्विक प्लास्टिक संधि की दिशा में प्रयासों का नेतृत्व करे भारत : यूएनईपी प्रमुख

जाने क्या है मामला
वैश्विक प्लास्टिक संधि की दिशा में प्रयासों का नेतृत्व करे भारत : यूएनईपी प्रमुख
U.S. Mission Photo/Eric Bridiers
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नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) की प्रमुख इंगर एंडरसन ने गुरुवार को भारत से आग्रह किया कि वह एक मजबूत वैश्विक प्लास्टिक संधि की दिशा में प्रयासों का नेतृत्व करे। वैश्विक प्लास्टिक संधि के लिए बातचीत 2022 में शुरू हुई थी। तात्कालिकता पर आम सहमति बनने के बावजूद असहमति के कारण दिसंबर, 2024 में वार्ता में प्रगति रुक गयी।

यूएनईपी की कार्यकारी निदेशक ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक भेंट में उल्लेख किया कि प्लास्टिक प्रदूषण पर 2025 की थीम समाधान तलाशने के लिए दुनिया भर में संकल्प मजबूत होने को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि भारत, जो एक प्रमुख प्लास्टिक उत्पादक और प्रदूषक दोनों है, को अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नेतृत्व करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव एंडरसन ने कहा कि सदस्य देशों में राजनीतिक इच्छाशक्ति स्पष्ट रूप से दिख रही है। उन्होंने कहा कि मैं अभी तक विश्व के किसी भी ऐसे नेता से नहीं मिली हूं जो इसे हल नहीं करना चाहता हो, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं।

वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण का लगभग पांचवां हिस्सा भारत से जुड़ा होने के कारण, एंडरसन ने पुनर्चक्रण की आवश्यकता पर बल दिया। आगामी दौर की वार्ता से पहले बैंकॉक में क्षेत्रीय परामर्श और महासागर सम्मेलन के दौरान अनौपचारिक मंत्रिस्तरीय चर्चाएं होंगी, जिसका आयोजन अगले सप्ताह फ्रांस और कोस्टा रिका द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना है। मसौदा संधि में खिलौनों और पैकेजिंग सहित एक बार उपयोग में लाये जाने वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए 2040 तक वर्षवार लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं।

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