IND vs AUS : सेमीफाइनल मैच में काली पट्टी के साथ क्यों उतरे भारतीय खिलाड़ी ?

श्रद्धांजलि देने काली पट्टी बांधकर उतरी टीम इंडिया
IND vs AUS : सेमीफाइनल मैच में काली पट्टी के साथ क्यों उतरे भारतीय खिलाड़ी ?
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नई दिल्ली - आज भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का पहला सेमीफाइनल मैच दुबई स्टेडियम में खेला जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस मैच में भारतीय टीम के सभी प्लेयर्स मैदान पर काली पट्टी बांधे हुए उतरे। ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्यों इस मैच में प्लेयर्स काली पट्टी बांधे उतरे?

पद्माकर शिवलकर की‌ निधन है वजह

दरअसल आमतौर पर तब खिलाड़ी काले रंग की पट्टी बांध कर मैदान पर उतरते हैं जब किसी दिग्गज का निधन हो जाता है। खिलाड़ी काली पट्टी लगाकर उस दिग्गज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस बार सभी खिलाड़ी सेमीफाइनल मैच में काली पट्टी बांधे मैदान पर उतरे हैं। यह सभी खिलाड़ियों ने इसलिए ऐसा किया क्योंकि एक दिन पहले मुंबई के पूर्व क्रिकेटर पद्माकर शिवलकर का निधन हो गया था।

20 सालों तक मुंबई के लिए खेला था क्रिकेट

आपको बता दें कि पद्माकर शिवलकर 84 साले के थे। उन्होंने 20 सालों तक मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट खेला। उन्होंने बिशन सिंह बेदी के साथ काफी क्रिकेट खेला, लेकिन उन्हें कभी भारतीय टीम में खेलने की जगह नहीं मिल सकी। पद्माकर शिवलकर के निधन के बाद टीम इंडिया के प्लेयर्स उन्हें श्रद्धांजलि देने सेमीफाइनल मैच में अपने हाथ में काली पट्टी बांधकर खेलने उतरे हैं।

मुंबई क्रिकेट के लिए उनका योगदान काफी बड़ा

पद्माकर शिवलकर ने 1961 में 21 साल की उम्र में अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपना आखिरी मैच 1987 में खेला। उस वक्त वह 47 साल के थे। उन्होंने अपने करियर में कुल 124 मैच खेलते हुए 589 विकेट लिए। इस दौरान उन्होंने 42 बार पांच विकेट और 13 बार दस विकेट हॉल लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ 1973 में रणजी ट्रॉफी फाइनल के दौरान 16 रन देकर 8 विकेट लिए और दूसरी पारी में फिर से 18 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने ऐसा करके 15वीं बार मुंबई को रणजी का खिताब जितने में मदद की।

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