

नयी दिल्लीः नितिन नवीन ने सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में पार्टी के नये राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया। इस दौरान, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
नवीन भाजपा के नये राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने के एक दिन बाद सोमवार दोपहर पटना से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे। हवाई अड्डे पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा के कई अन्य नेताओं ने उनकी अगवानी की। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में मंत्री रहे नवीन (45) को रविवार को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। माना जा रहा है कि वह अंततः नड्डा के उत्तराधिकारी के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।
भाजपा मुख्यालय में भव्य स्वागत
नवीन नये राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार संभालने के लिए भाजपा मुख्यालय पहुंचे, जहां शाह, नड्डा और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर गुप्ता और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी भी मौजूद थे।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में मंत्री रहे नवीन (45) को रविवार को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। माना जा रहा है कि वह अंततः नड्डा के उत्तराधिकारी के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।
कौन हैं नितिन नवीन
कायस्थ समुदाय से संबंध रखने वाले नवीन (45) के मौजूदा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी बनने की संभावना है और पार्टी नेताओं के अनुसार, वह इस पद पर आसीन होने वाले सबसे युवा नेताओं में से एक हैं। नवीन पांच बार के विधायक हैं। वर्तमान में वह बिहार में पथ निर्माण मंत्री और पटना के बांकीपुर से विधायक हैं। वह पहले भी कई बार मंत्री रहे हैं।
नड्डा को जनवरी 2020 में भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और वह अपना पूरा कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। नड्डा को 2024 के लोकसभा चुनावों तक पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कार्यकाल विस्तार दिया गया था। नितिन नवीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाना पार्टी की आगामी संगठनात्मक रणनीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है। साथ ही बिहार के लिए इसे बड़ा मौका माना जा रहा है